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यूपी: वाराणसी महायोजना 2031 में वीडीए की योजनाओं को शामिल करने का मार्ग हुआ प्रशस्त।

यूपी: वाराणसी महायोजना 2031 में वीडीए की योजनाओं को शामिल करने का मार्ग हुआ प्रशस्त।

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वाराणसी। आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार की अमृत योजना के अंतर्गत वाराणसी महायोजना 2031 प्रारूप को अनुमोदन मिल गया है। जिसके तहत विकास प्राधिकरण की पूर्ण हो चुकी, निर्माणाधीन व प्रस्तावित योजनाओं का सेटेलाइट सर्वे कर वाराणसी महायोजना 2031 में शामिल करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इसके लिए जन सामान्य से आपत्ति व सुझाव भी लिए जाएंगे।

वहीं इसके अलावा वाराणसी विकास प्राधिकरण की किराये पर बनी संपत्तियों की बिक्री आक्सन के माध्यम से की जाएगी, जिसमें किराएदारों को प्राथमिकता दी जाएगी। इस आशय का निर्णय मंगलवार को हुई वाराणसी विकास प्राधिकरण के 126वी बोर्ड बैठक में लिया गया। जिसकी अध्यक्षता आयुक्त व वीडीए के अध्यक्ष दीपक अग्रवाल ने किया। 

वहीं दूसरी तरफ़ बैठक में उपाध्यक्ष, सचिव, वित्त नियंत्रक व प्राधिकरण बोर्ड के सदस्य तथा प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक में सर्वप्रथम पिछली बोर्ड बैठक के निर्णयों व कार्यों को प्रस्तुत किया गया ,जिसे बोर्ड द्वारा पुष्टि के लिए स्वीकार कर लिया गया। तत्पश्चात प्राधिकरण के विभिन्न विभागों की प्रगति आख्या बोर्ड के समक्ष रखी गई। साथ ही प्राधिकरण की वर्तमान वित्तीय स्थिति से बोर्ड को अवगत कराया गया।

बता दें कि वहीं वर्तमान वित्तीय वर्ष में 329 नवीन शमन मानचित्र स्वीकृत किए गए है। इसमें कुल 19.41 करोड़ शमन शुल्क प्राप्त होगा। इसके अनुरूप 7.91 करोड़ जमा कराया जा चुका है। गत वर्ष में 8.76 करोड़ शमन शुल्क के अनुरूप 5.23 करोड़ जमा कराया गया था। इसके अलावा आनलाइन पोर्टल पर वर्तमान वित्तीय वर्ष में कुल 105 मानचित्र स्वीकृत किए गए। जिससे 8.69 करोड़ शुल्क जमा कराया गया। बीते वर्ष में आनलाइन पोर्टल पर कुल 64 मानचित्र के एवज में 3.45 करोड़ शुल्क मिला था। इस पर बोर्ड द्वारा सराहना किया गया।

वहीं इस दौरान अमृत योजना के अंतर्गत रामनगर-मुगलसराय महायोजना 2031 को अनुमोदन प्रदान किया गया। बोर्ड द्वारा जनसामान्य से आपत्ति व सुझाव आमंत्रित किए जाने का निर्देश दिया गया। साथ ही मुगलसराय नगर का नाम महायोजना में परिवर्तित कर पं. दीनदयाल उपाध्याय नगर किए जाने का निर्णय लिया गया। 

वहीं समाज के लघु मध्यम व मध्यम आय वर्ग के परिवारों को उनकी आर्थिक क्षमतानुसार आवास उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अफोर्डेबल हाउसिंग नीति को भी मंजूरी दी गई। वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अन्तर्गत कुरूहुआ में निर्माणाधीन 250 आवासों के लिए प्राधिकरण को प्राप्त होने वाले शेल्टर फीस के उपयोग के लिए अनुमोदन प्रदान किया गया।