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यूपी: वाराणसी में सीवेज के शोधित पानी से 236 करोड़ मिला राजस्व।
वाराणसी। अमृत योजना का सही उपयोग कर सूरत ने बड़ा काम किया है। सीवेज के शोधित पानी को बेचा जा रहा है। रोज 522 एमएलडी शोधित पानी औद्योगिक इकाईयों को आपूर्ति की जाती है। अब तक 236 करोड़ की आमदनी प्राप्त हुई है। बायो गैस उत्पादन से 140 करोड़ की आय हुई है। प्रदूषण मुक्ति के लिए 1160 साइकिलें किराए पर दी जाती हैं। 150 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाता है।
वहीं यह जानकारी सूरत महानगर पालिका की महापौर हेमाली के. बोघलवाला ने शुक्रवार को महापौर सम्मेलन में दी। अमृत योजना पर प्रेजेंटेशन देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृढ़ संकल्प व इच्छाशक्ति से जून 2015 में अमृत मिशन (योजना) की शुरुआत हुई। इसके तहत पेयजल योजनाओं को आकार दिया गया तो सबसे महत्वपूर्ण वाटर री-यूज पर काम हुआ। सीवेज को शोधित कर निकले पानी का उपयोग बाग-बगीचे-पार्कों को हराभरा करने में प्रयोग होता है।
वहीं दूसरी तरफ़ शहर में नल से जल प्राप्त हो, इसलिए 24 घंटे सातों दिन पानी आपूर्ति होती है। शहर की जनता के लिए पब्लिक बाइसिकल शेयरिंग सिस्टम को क्रियान्वित किया गया। पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधाओं को विकसित किया गया। अमृत मिशन के अन्तर्गत कई कार्यों के लिए कुल 50 परियोजनाओं को 1081.45 करोड़ की लागत से पूरा किया गया। 52 फीसद ग्रीन एनर्जी का उपयोग होता है। हरित क्षेत्र 11 फीसद से बढ़कर 18 फीसद हो गया है। सीएनजी से 650 बसें चलती हैं।
वहीं दूसरी तरफ़ पुणे के महापौर मुरलीधर मोहोल ने स्वच्छ भारत अभियान पर प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 में पुणे को 37 वां स्थान मिला था जिसे वर्ष 2021 में पुणे देश का पांचवां सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल से पुणे में प्लागकाथान आयोजित किया गया जिसमें डेढ़ लाख की संख्या में पुणे के वासियों ने भाग लिया। 80 हजार किलो कचरा एकत्र किया गया।
वहीं 311 स्कूलों के 75 हजार छात्र और शिक्षकों ने सहभागिता की। कहा कि स्वच्छ पुणे के लिए जन आंदोलन चलाया जा रहा है। रोज 2200 टन कचरे से खाद, बिजली, बायो गैस बनता है। नौ लाख टन डंप कचरे का निस्तारण कर वहां सुंदर पार्क बनाया गया। 15 हजार सफाई मित्र 13 लाख घरों कचरा उठान के साथ सफाई कार्य करते हैं। प्रतिमाह एक सफाई मित्र को उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कृत किया जाता है।
बता दें कि वहीं ई मोबिलिटी के लिए 613 वैश्विक शहरों में से पुणे को दुनिया के शीर्ष 50 शहर में चुना गया। इसके लिए इलेक्ट्रिक वाहन (इवी) सेल की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि पुणे को भारत का सबसे रहने योग्य शहर घोषित किया गया है।