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यूपी: 31 दिसंबर तक समय पर नहीं दाखिल किया आयकर रिटर्न तो लगेगा दस हजार जुर्माना।
वाराणसी। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आयकर रिटर्न आइटीआर भरने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर है। कर विशेषज्ञों की मानें तो समय से आइटीआर दाखिल करने से न केवल पेनाल्टी से बचाव होता है। बल्कि इसके कई और फायदे हैं। यदि आयकरदाता ने समय से रिटर्न दाखिल नहीं किया तो 10 हजार रुपये जुर्माना भरना पड़ सकता है। चार्टर्ड अकाउंटेंट फैजानुल्लाह की मानें तो समय पर आइटीआर दाखिल नहीं करने पर आयकर विभाग से आयकरदाता को नोटिस मिल सकता है।
वहीं नोटिस की परेशानियों से बचने के लिए समय पर आइटीआर जमा करना फायदेमंद है। आयकर के नियमों के मुताबिक यदि किसी करदाता ने एडवांस टैक्स नहीं चुकाया है या अपनी देनदारी के 90 प्रतिशत से कम चुकाया है तो उसे सेक्शन 234 बी के तहत एक प्रतिशत प्रति माह का ब्याज पेनाल्टी के रूप में चुकाना होगा। अगर समय पर रिटर्न दाखिल करते हैं तो देय आयकर पर लगने वाले ब्याज की बचत कर सकते हैं।
बता दें कि आयकर के नियमों के अनुसार निर्धारित तिथि से पहले आइटीआर दाखिल करने पर आप अपने नुकसान को आगे के वित्तीय वर्षों के लिए कैरी फारवर्ड कर सकते हैं। यानी अगले वित्तीय वर्षों में आप अपनी कमाई पर टैक्स देनदारी कम कर सकते हैं। आइटीआर फाइल करने में देरी के कारण करदाता को जुर्माना भरना पड़ता है। वहीं कई तरह की आयकर छूट भी करदाता को नहीं मिलती हैं।
वहीं इससे आयकर कानून की धारा 10ए और धारा 10बी के तहत मिलने वाली छूट नहीं मिलती हैं। वहीं, धारा 80 आइए, 80 आइएबी, 80 आइसी, 80 आइडी और 80 आइई के तहत मिलने वाली छूट भी नहीं मिलेंगी। इसके अलावा देरी से आइटीआर फाइल करने से करदाता को आयकर कानून की धारा 80 आइएसी, 80 आइबीए, 80 जेजेए, 80 जेजेएए, 80 एलए, 80 पी, 80 पीए, 80 क्यूक्यूबी और 80 आरआरबी के तहत मिलने वाले डिडक्शन का लाभ नहीं मिलेगा।