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यूपी: वाराणसी में शाही नाला डायवर्जन की मियाद एक बार फिर हुआ फेल, 31 दिसंबर तक कार्य पूरा होना मुश्किल।
वाराणसी। शाही नाले के डायवर्जन कार्य को लेकर एक बारगी फिर मियाद बढ़ा दी गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 31 दिसंबर तक काम पूरा करने का आदेश दिया था लेकिन इस मियाद में कार्य पूरा नहीं हो सकेगा। इसकी वजह मजदूरों का अभाव है। लहुराबीर में गहरी सीवर लाइन कार्य के दौरान एक मजदूर की मौत के बाद पश्चिम बंगाल लौटे साथी मजदूर अब तक नहीं आए हैं। इससे कार्य ठप हो गया है। वर्तमान में सिर्फ लहुराबीर चौराहे पर चैंबर निर्माण कार्य हो रहा है। अंग्रेजों के जमाने में बनाए गए शाही नाला आबादी बढऩे के साथ ओवरलोड हो गया है।
वहीं उसकी क्षमता 80 एमएलडी मलजल फ्लो की है तो वर्तमान में करीब 120 एमएलडी मलजल फ्लो हो रहा है। 40 एमएलडी मलजल फ्लो को कबीरचौरा से डायवर्ट कर चौकाघाट भेजा जाएगा जहां लगे पंपिंग स्टेशन से मलजल को दीनापुर में बनी 140 एमएलडी शोधन क्षमता की नई एसटीपी तक भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री की बैठक में तय हुआ है कि डायवर्जन का कार्य 31 दिसंबर तक हर हाल में पूरा कर लिया जाएगा।
वहीं दूसरी तरफ़ योजना में 945 मीटर की लंबाई में सीवर का कार्य किया जाना है। इस कार्य को तीन भाग में बांटा गया है। प्रथम भाग में लहुराबीर चौराहा से कबीर मठ तिराहे की ओर करीब 125 मीटर लंबाई है। दूसरे भाग में प्रथम भाग के 125 मीटर को छोड़ते हुए कबीर मठ तिराहे तक करीब 600 मीटर लंबाई है। तृतीय भाग में कबीर मठ तिराहे से शाही नाले कबीर चौराहा अस्पताल के सामने तक का भाग है जो करीब 220 मीटर है।
वहीं दूसरी तरफ़ द्वितीय भाग के सीवर आदि का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। वहां पर रोड पुनस्र्थापना की कार्यवाही 20 नवंबर तक पीडब्ल्यूडी विभाग से सामंजस्य स्थापित करते हुए कराना था। प्रथम भाग जो करीब 125 मीटर है उसके लिए जल निगम (ग्रामीण) द्वारा कराया जा रहा शाही नाले के कार्य को रोका गया। 19 नंवबर तक ट्रंक सीवर को आरटीएस से जोडऩे के लिए उपलब्ध करा दिया गया। इसके बाद जल निगम (नगरीय) द्वारा 29 नंवबर तक ट्रंक सीवर को आरटीएस से जोडऩे के साथ प्रथम भाग पर सीवर, मैनहोल, स्लूस गेट संबंधी कार्य कर लिया गया।
वहीं दूसरी तरफ़ प्रथम भाग के 125 मीटर में रोड पुर्नस्थापना का कार्य पीडब्ल्यूडी विभाग से सामंजस्य स्थापित करते हुए पांच दिन में पूर्ण करते हुए पांच दिसंबर तक पूर्ण कराया गया। मठ चौराहा पर जो पुरानी 900 मिमी साइज की ओल्ड विक सीवर की लंबाई आ रही है उसको लिंक सीवर से जोडऩे की कार्यवाही भी 10 दिसंबर तक पूर्ण कर ली गई। तृतीय भाग का कार्य भी समानान्तर रूप से करते हुए 31 दिसंबर तक पूर्ण कराया जाना सुनिश्चित है। इस दरम्यान तृतीय भाग के रोड पुनस्र्थापना का कार्य भी पूर्ण कराया जाना है।
वहीं दूसरी तरफ़ इस प्रकार पूरे 945 मीटर के स्ट्रेच को 31 दिसंबर तक हर हाल में पूर्ण कर लिया जाना था। वहीं, मछोदरी से भदऊचुंगी तक शाही नाले के जीर्णोद्धार का कार्य 31 जनवरी 2022 तक पूरा कर लेना है। यह कार्य जल निगम ग्रामीण की ओर से कराया जा रहा है। परियोजना प्रबंधक संजय बर्मन ने बताया कि शाही नाले के जीर्णोद्धार कार्य 680 मीटर लंबाई में शेष रह गया है। यह कार्य कराने के लिए तीन स्थान चयन करना है जिसमें दो स्थान मछोदरी व रेलवे की गंगा नगर कालोनी का चयन हुआ है। तीसरे स्थान की तलाश हो रही है।