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संभल : 40 साल बाद पाकिस्तान से आई मुन्नी की खबर से परिवार मिलने को हुआ बेकरार

संभल : 40 साल बाद पाकिस्तान से आई मुन्नी की खबर से परिवार मिलने को हुआ बेकरार


संभल। 40 साल पहले गायब हुई सरायतरीन की मुन्नी की पाकिस्तान के करांची में होने की खबर आई तो परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। सरायतरीन के हिजड़ान मुहल्ले की मुन्नी अब करांची में बुसरा के नाम से जानी जाती है और वहीं पर अपने नए परिवार के साथ रह रही है। मुन्नी की सच्चाई सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद परिजनों को यह पता चला कि वह मौसा की करतूत के कारण ही पाकिस्तान तक जा पहुंची। 

वहीं भाइयों के साथ ही परिवार के दूसरे सदस्य रोजाना मुन्नी से बतिया रहे हैं और पूरा परिवार अब एक बार मुन्नी से मिलने के लिए बेकरार है। संभल के सरायतरीन के मुहल्ला हिजड़ान निवासी छिद्दन की बेटी मुन्नी को 40 साल पहले 1981 में उसका मौसा दिल्ली लेकर गया था। वहां उसे कुछ लोगों के हाथ बेच दिया। मुन्नी किसी तरह उस गिरोह के चंगुल से निकलकर हरियाणा पहुंच गई। जहां वह दूसरे मानव तस्करी गिरोह के हत्थे चढ़ गई। 

वहीं दूसरी तरफ़ इस गिरोह ने मुन्नी को सीमा पार कराकर पाकिस्तान पहुंचा दिया। जहां करांची में उसका निकाह शहजाद हैदर के साथ कराने के बाद नाम बुसरा रख दिया गया। मुन्नी उर्फ बुसरा का घर पाकिस्तान में ही बस गया। वह पति, बेटी शायरा, अलीजा, ईशा और बेटे हसन असकरी के साथ रहने लगी लेकिन न तो वतन को भूली और न ही अपने परिवार को। वह करीब चार साल से इस प्रयास में जुटी थी कि किसी तरह उसके पाकिस्तान में होने की खबर उसके अपनों तक पहुंच जाए। 

वहीं कुछ दिन पहले मुन्नी उर्फ बुसरा ने अपनी दास्तान पाकिस्तान की एक महिला पत्रकार को बताई तो उसने मुन्नी की वीडियो रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर डाल दी। इस वीडियो में मुन्नी ने अपना पता संभल और सरायतरीन बताया तो वीडियो संभल तक पहुंच गया। यहां उसके भाई अकरम और बहार आलम तक वीडियो पहुंचा। 

वहीं दूसरी तरफ़ पहली बार रविवार को रात परिजनों ने मुन्नी उर्फ बुसरा से बात की तो खुशी के आंसू भी आंखों में छलक आए। बकौल अकरम, मुन्नी को मौसा द्वारा ले जाकर बेचने की बात अब मुन्नी से ही पता चली है। हम तो यही जानते थे कि मुन्नी कहीं गायब हो गई है। बोला, अब यही चाहत है कि एक बार मुन्नी मिल जाए तो अच्छा लगेगा।