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नई दिल्ली: ओमिक्रोन को लेकर दिल्ली सरकार हुईं गंभीर, और कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज में तैयार हुए 65 बेड।
नई दिल्ली। राजधानी में ओमिक्रोन के मामलों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। दिल्ली सरकार इसको लेकर तैयारियां भी कर रही है। जहां पर बेड़ों की संख्या बढ़ाई जा सकती है वहां उस तरह से तैयारी की जा रही है। दिल्ली में कंटेनमेंट जोनों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। इस बीच दिल्ली सरकार द्वारा कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज में कोविड मरीजों के लिए 65 बेड तैयार किए गए हैं।
वहीं डॉ. रजत जैन ने कहा कि अभी 65 बेड तैयार किए गए हैं। 2 दिन के अंतर्गत ऑक्सीजन वाले 500 बेड तैयार कर लिए जाएंगे। यहां 3 ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं। मालूम हो कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान आक्सीजन की भी काफी कमी हुई थी। दिल्ली-एनसीआर में आक्सीजन की कमी को लेकर हाहाकार मचा था। अस्पतालों में भी आक्सीजन नहीं मिल रही थी। इस बार आक्सीजन को भी ध्यान में रखकर उस हिसाब से तैयारी की जा रही है।
वहीं दूसरी तरफ़ दरअसल डॉक्टरों ने चेताया है कि अगले माह जनवरी के दूसरे पखवाड़े में ओमिक्रोन का संक्रमण चरम पर हो सकता है। इस दौरान देश में प्रतिदिन 50 हजार से एक लाख तक मामले सामने आ सकते हैं। मगर इसके बावजूद ये कहा जा रहा है कि भारत में ओमिक्रोन का खतरा यूके या अन्य देशों जैसा नहीं होगा। दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन डीएमए द्वारा शुक्रवार को ओमिक्रोन पर आयोजित एक वेबिनार में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी कहीं है।
वही इस दौरान भारतीय आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) की महामारी विज्ञान एवं संचारी रोग डिवीजन के पूर्व प्रमुख व पद्मश्री डा. आरआर गंगाखेड़कर ने कहा कि भारत में अभी बूस्टर डोज की जरूरत नहीं है, क्योंकि यहां अधिकतर लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबाडी बन चुकी है।
बता दें कि वहीं दूसरी तरफ़ उन्होंने कहा कि आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा 13 दिसंबर को प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया है कि फाइजर टीके की तीन डोज दो सामान्य डोज व तीसरा बूस्टर डोज लेने पर ओमिक्रोन वैरिएंट से 75.55 प्रतिशत तक सुरक्षा मिलती है। जबकि एस्ट्राजेनेका की दो डोज ही ओमिक्रोन से 71.45 प्रतिशत तक सुरक्षा प्रदान करतीं हैं। भारत में यह टीका कोविशील्ड के नाम से उपलब्ध है।