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यूपी: वाराणसी महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में कोर्ट के गठन की प्रक्रिया शुरू, 85 सदस्यों की सभा में होगा स्‍थान।

यूपी: वाराणसी महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में कोर्ट के गठन की प्रक्रिया शुरू, 85 सदस्यों की सभा में होगा स्‍थान।


वाराणसी। शासन के निर्देश पर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने विश्वविद्यालय सभा (कोर्ट) के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस क्रम में चक्रानुक्रम से विभागाध्यक्षों, संकायाध्यक्षों व संबद्ध कालेजों के आचार्यों को सूची में शामिल कर लिया गया है। वहीं सभा में विधान परिषद व विधान सभा से भी सदस्य होते हैं। विधान परिषद के रिक्त दो सदस्यों व विधान सभा के पांच सदस्यों को नामित करने के लिए कुलसचिव डा. सुनीता पांडेय की ओर से शासन को पत्र भी भेजा जा चुका है।

वहीं विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत विद्यापीठ में 85 सदस्यों की सभा का गठन होना है। इसमें विश्वविद्यालय के तीन प्रोफेसर, चार एसोसिएट प्रोफेसर सात असिस्टेंट प्रोफेसर, छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष को सभा का सदस्य बना दिया गया। इसके अलावा संबद्ध कालेजों के विभागाध्यक्षों व प्राचार्यों को भी चक्रानुक्रम से सभा का सदस्य नामित किया गया है।

वहीं स्नातकों को सभा में पंजीकृत करने के लिए विद्यापीठ अधिसूचना जारी करने पर भी विचार कर रही है। जनवरी-2022 के अंतिम समाप्त में अधिसूचना जारी होने की संभावना है। विश्वविद्यालय के स्नातकों को सभा में पंजीकृत होने के लिए 51 रुपये शुल्क जमा करना होगा। वहीं स्नातकोत्तर उपाधिधारक ही सभा के स्नातक के सदस्य बन सकते हैं। इसमें से दस सदस्यों का चुनाव एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से होता है। पंजीकृत स्नातकों की सूची बनने के बाद ही दस सदस्यों का चुनाव संभव है। ऐसे में विधिवत सभा के गठन में अब भी कई पेच है।

वहीं दूसरी तरफ़ राज्य विश्वविद्यालयों में सभा एक सलाहकारी निकाय मानी जाती है। यह कार्यपरिषद की भांति महत्वपूर्ण समिति होती है। विश्वविद्यालय के नीति-निर्धारण में सभा की भूमिका अहम होती है। इसमें वार्षिक रिपोर्ट, वार्षिक लेखाओं तथा संपरीक्षा की रिपोर्ट पर मंथन होता है। इसके अलावा शिक्षण, शिक्षा और शोध की गुणवत्ता के संबंध में भी सभा कार्य परिषद को सुझाव देती है। कोर्ट के चार सदस्य कार्य परिषद में होते हैं जिसके कारण विश्वविद्यालय के अधिकारी अपनी मनमानी नहीं कर पाते हैं।