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बिहार: गया में पिल्ले की मौत से आक्रमक हुए कुत्ते ने दो लोगों को बनाया अपना शिकार।
बिहार। इंसान हो या जानवर सभी को अपने बच्चे प्यारे होते हैं। उनके खोने का दर्द बेजुबानों को भी होता है। ऐसा ही कुछ नजारा शनिवार को गया हैं गया जिले के जेपीएन अस्पताल परिसर में जहां एक पिल्ले की मौत से गुस्से दो कुत्ते आक्रमक हो गए और राहगीरों को खदेड़ने लगे। ऊहापोह की स्थिति के बीच अस्पताल के दो कर्मचारी कुत्तों के गुस्से का शिकार बन गए। कुत्तों ने उनके पैर का मांस नोंच लिया, जिसके बाद उन्हें रैबिज का इंजेक्शन दिया गया। दिनभर लोग दहशत में रहे। शाम के वक्त सड़क पर वाहनों की दबाव बढ़ने के बाद वे भाग गए।
वहीं लोगों की मानें तो जेपीएन अस्पताल परिसर में पूरे दिन लोगों की चहलकदमी बनी रहती है। इसी परिसर में एसीएमओ (अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी) का कार्यालय है। वाहनों का आवागमन भी होता रहता है। शुक्रवार की सुबह एक वाहन के टक्कर से कुत्ते का पिल्ला मर गया। दो कुत्ते पिल्ले के शव के पास बैठकर विलाप कर रहे थे। तभी दोनों ने वहां से गुजर रहे लोगों पर झपटना शुरू कर दिया। सड़क पर भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। इस बीच उधर से जा रहे दो अस्पताल कर्मियों को कुत्तों ने काट लिया। इसके बाद अस्पताल में उनका इलाज किया गया।
बता दें कि एसीएमओ कार्यालय के पास दिन के वक्त हमेशा पांच छह कुत्ते जमा रहते हैं। कार्यालय में काम करने वाले लोग भोजनावकाश में खाना खाने के बाद जूठन वहीं फेंक देते हैं, इसलिए भी कुत्तों का जमावड़ा लगा रहता है। वैसे ऐसा दृश्य अक्सर सड़कों पर देखना को मिलता है। कुत्ते सड़कों पर दोपहिया और चार पहिया वाहनों के पीछे भागते दिखते हैं। कई बार बाइक व साइकिल सवार लोग गिरकर चोटिल भी हो जाते हैं। गया नगर निगम आवारा कुत्तों के खिलाफ कभी मुहीम नहीं चलाता। न तो उनका बंध्याकरण होता है और न ही उन्हें पकड़कर शहर से बाहर छोड़ा जाता है।