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बिहार: सासाराम में सोन नदी से बालू के खनन का काम एक बार फिर से हुआ शुरू।

बिहार: सासाराम में सोन नदी से बालू के खनन का काम एक बार फिर से हुआ शुरू।


बिहार। सासाराम में एक बार फिर से बालू खनन के कारोबार से जुड़े लोगों के साथ साथ जनता के लिए भी अच्छी खबर है। जिले में कई माह से बंद पड़े विभिन्न बालू घाट से खनन कार्य शुरू कर दिया गया। लगभग सात माह से बालू की निकासी बंद रहने के चलते निर्माण कार्य पूरी तरह प्रभावित रहा। 

वहीं बालू का खनन शुरू, होने से लोगों को राहत मिलने के आसार जग गए हैं। बता दें कि बिहार माइनिंग कॉरपोरेशन के एनओसी मिलने के बाद जिले में खनन कार्य शुरू होने से शहर और जिलावासियों को बड़ी राहत मिली है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के खनन कार्य पर रोक के बाद जिले में बालू की किल्लत के कारण सरकारी और निजी निर्माण कार्य पूरी तरह प्रभावित था। 

वहीं बालू घाट बंद होने के कारण बालू घाट में काम करने वाले मजदूर, मशीन ऑपरेटर, ट्रक ड्राइवर व आनर, होटल, टायर दुकान, गैरेज मिस्त्री, बॉडी मिस्त्री, राजमिस्त्री के सामने रोजी का संकट मंडरा रहा था। लेकिन अब इनके चेहरे खिले हुए हैं।

वहीं दूसरी तरफ़ घाट खुलने से फिर से एकबार ऐसे लोगों के चेहरे पर खुशी देखने को मिल रही है। कई माह से बालू के कारण बंद पड़े भवन समेत अन्य निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जा सकेगा। आज डेहरी प्रखंड के मकराईन और हुरका बालू घाट से खनन शुरू होने के बाद घाट पर ट्रैक्टर और ट्रकों की लंबी कतार देखने को मिली। मकराइन घाट पर ट्रैक्टर का चालान कटवाने के लिए लोग काउंटर पर कतारबद्ध दिखे।

वहीं दूसरी तरफ़ इस क्रम में ट्रेक्टर ड्राइवरों ने बताया कि 1600 की जगह 2000 रुपए चालान, 400 लोडिंग और 200 रुपए रास्ता खर्च लिया जा रहा है। जबकि 19,500 दस चक्का और 21,500 बारहपहिया वाहनों का बालू लोडिंग के लिए चालान सहित खर्च लग रहा है।