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बिहार: सासाराम के विवाह निबंधन पदाधिकार नीरज कुमार ने कहा कि विवाह का निबंधन कराना अब और हुआ आसान।

बिहार: सासाराम के विवाह निबंधन पदाधिकार नीरज कुमार ने कहा कि विवाह का निबंधन कराना अब और हुआ आसान।


बिहार। सासाराम में समाज के हर वर्ग में शादी को ले उत्साह होता है। सब इसमें सामथ्र्य के अनुसार खर्च करते हैं। लाखों का बजट बनता है। महंगे लग्न मंडप में शादियां हो रही हैं, परंतु इन शादियों को कानूनी मान्यता को ले युवा वर्ग उत्साहित है न समाज। पंजीकरण के लिए महज सौ रुपये भी नव दंपती पर भारी पड़ रहा है। पांच साल में महज 375 जोड़ों ने विवाह निबंधन करवाए हैं। ग्रामीण क्षेत्र में मुखिया और शहरी क्षेत्र में वार्ड पार्षद को विवाह निबंधन की जिम्मेदारी दी गई है, बावजूद 15 वर्षों के बाद भी विवाह अधिनियम के प्रति लोगों में रुचि नहीं जगी है।

वहीं सरकार ने विवाह को प्रमाणिक बनाने के लिए विवाह निबंधन नियमावली 2006 बनाई है, जिसमें सिर्फ सौ रुपये शुल्क के साथ जरूरी कागजात और गवाहों की मौजूदगी में शादी पूरी की जा सकती है। ग्रामीण क्षेत्र के मुखिया और शहरी क्षेत्र के वार्ड पार्षद से जारी विवाह निबंधन प्रमाण पत्र की कापी जिला विशेष विवाह निबंधन कार्यालय में जमा करनी होती है।

बता दें कि विशेष विवाह अधिनियम के तहत पांच साल में सिर्फ 375 जोड़ों ने विवाह निबंधन कराया है। डेहरी अनुमंडल क्षेत्र की आबादी भले ही 1,37,231लाख हो और यहां हर वर्ष सेकड़ों लोग शादी के पवित्र बंधन में बंधते हो, मगर सच्चाई यह है कि यहां पांच वर्षों में महज उ75 जोड़ों का ही निबंधन हो पाया है। उसमें भी घर पर शादी किए सिर्फ 86 जोड़ों ने ही अपना विवाह निबंधन कराया है, जबकि 289 जोड़ों ने सीधे कोर्ट में पहुंच रजिस्टर्ड शादी की है।

वहीं दूसरी तरफ़ अवर निबंधक सह विशेष विवाह निबंधन पदाधिकार नीरज कुमार ने बताया कि विवाह का निबंधन कराना बिल्कुल आसान है। इसमें लोग कभी भी निबंधन कार्यालय में पहुंचकर विवाह का निबंधन करा सकते हैं। इसका अलग से काउंटर भी बना हुआ है। शादी का रजिस्ट्रेशन जरूर करें और लोगों को इसके लिए जागरूक कर दिखावे के लिए होने वाली खर्चीली शादियों से बचें। अधिकतर सरकारी या नौकरी में जरूरत होने पर ही लोग विवाह निबंधन प्रमाण पत्र के लिए आते हैं।