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यूपी: बाइक और कार छोड़ तैयार कराया आधुनिक तांगा, चर्चाओं में मुरादाबाद का रिटायर कर्मी।
मुरादाबाद। पेट्रोल की महंगाई से परेशान और बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए मुरादाबाद नगर निगम के रिटायर कर्मी ने बड़ा कदम उठाया है। इन दिनों वह बाइक और कार छोड़कर तांगा लेकर चलने लगे हैं। उनका यह अनोखा अंदाजा लोगों को काफी पसंद आ रहा है। पूरे शहर में उनके इस पहल की चर्चा है।
वहीं कटघर निवासी लल्ला बाबू द्रविड़ नगर निगम में सफाई नायक पद से रिटायर हो चुके हैं। वह भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज के सर्वोच्च निदेशक भी हैं। उनके पास कार है, मोटर साइकिल है लेकिन, पर्यावरण का ख्याल रखते हुए उन्होंने सवा लाख रुपये में तांगा तैयार कराया है और अब उसकी सवारी भी कर रहे हैं। कहीं भी आना-जाना हो उसी का इस्तेमाल कर रहे हैं। सिविल लाइंस क्षेत्र में वह तांगे पर सवार होकर निकले तो सभी की नजरें उनकी ओर घूम गईं। पुराने जमाने में राजा-महाराजाओं की तरह उनका सवारी करना देख लोग हैरान रह जाते हैं।
वहीं दूसरी तरफ़ लल्ला बाबू रिटायर होने के बावजूद अपनी सेवाएं दे रहे हैं। सफाई कार्य का जायजा लेने के लिए वह आधुनिक घोड़े तांगे पर सवार होकर निकलते हैं। उन्होंने बरेली से आधुनिक तांगा तैयार कराया है। वहीं पुराने जमाने के तांगे में न लाइट होती थी और न हार्न। लेकिन, इस तांगे में हार्न भी है और पीछे व साइड में लाइट व शीशा भी है। तांगे में लगी बैटरी से यह लाइट जलती है। शीशे से साइड व पीछे का ट्रैफिक भी कार व बाइक की तरह देखने की सुविधा है। इतना ही नहीं शानदार सीट के ऊपर धूप व बारिश से बचने के लिए छत भी है। तांगे की अलग खासियत है, वह अपना पेट्रोल का पूरा खर्च बचा रहे हैं।
बता दें कि लल्ला बाबू द्रविड़ कहते हैं कि 100 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल भी एक दिन में कम पड़ता है जबकि 75 रुपये घोड़ी के खानपान का खर्च है। लल्ला बाबू द्रविड़ ने घाेड़ा तांगा खरीदने के तीन कारण बताए। पहला पेट्रोल की महंगाई, दूसरा सड़कों पर बढ़ते वाहनों से प्रदूषण की समस्या और तीसरा पुलिस के चालान से परेशानी। इनसे बचने के लिए तांगा खरीदने का आइडिया मन में आया था। इसके लिए पूछताछ की तो बरेली से एक महीने पहले तांगा आर्डर पर तैयार कराया।
वहीं इसमें स्टील का काम मुरादाबाद में कराकर सड़कों पर लेकर चलने लगा हूं। लल्ला बाबू ने कहा कि सफाई का काम देखने व अन्य कार्यों में रोजाना 200 रुपये पेट्रोल में खर्च हो जाते थे। यही नहीं मुरादाबाद प्रदूषण के मामले में भी छवि खराब है। इसे देखते हुए यह तांगा खरीदा है। रोजाना कम से 15 से 20 किमी इस तांगे से चलते हैं। कभी-कभी इससे ज्यादा भी चलना हो जाता है।