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ओमिक्रोन के खतरे के बीच कानपुर मेडिकल कॉलेज में कम हो गईं कोरोना जांच

ओमिक्रोन के खतरे के बीच कानपुर मेडिकल कॉलेज में कम हो गईं कोरोना जांच

कानपुर । कोरोना की संभावित तीसरी लहर और ओमिक्रोन के खतरे के लिए कानपुर तैयार नहीं है। पहले से ही बजट के अभाव में जूझ रहे मेडिकल कॉलेज में नई मुसीबत पैदा हो गई है। पुनर्विनियोग बजट में मेडिकल कॉलेज के सभी प्रस्ताव शासन ने खारिज कर दिए हैं। इसके चलते कोरोना की जांचें 75 प्रतिशत कम कर दी गई हैं। अन्य जांचों, उपकरणों की मरम्मत के मद में बजट नहीं मिलने से सभी तैयारियां ठप हो गई हैं।

जीएसवीएम की ओर से जांचों के मद में 1.5 करोड़ रुपये की डिमांड भेजी गई थी, इनमें उपकरणों के मरम्मत और रखरखाव भी था। अन्य मदों में भी बजट मांगा गया था। आलम यह है कि पीपीई किट, दस्तानों और मास्क के साथ अन्य सामानों की खरीदारी का पैसा तक नहीं है। प्राचार्य संजय काला के मुताबिक ओमिक्रोन का प्रकोप बढ़ गया तो आफत हो जाएगी। कॉलेज में बजट जीरो है। इसलिए कोरोना की जांच किट भी नहीं खरीद पा रहे हैं। ऐसे में आठ हजार की जगह दो हजार जांचें कर दी गई है। वेंटीलेटर, बाईपैप, इंफ्यूजन पंप, अल्ट्रासाउंड मशीन, एक्सरे और अन्य जांचें जो कोविड मरीजों के वार्डों में रखी हैं उनका रखरखाव प्रभावित होगा। अगर कोरोना के केस अचानक बढ़ गए तो बड़ा संकट आ सकता है। इससे शासन को भी अवगत करा दिया गया है।


विश्व के कई देशों में ओमिक्रोन के बढ़ रहे मामलों को देखते हुए स्वास्थ विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। कानपुर में सोमवार तक 1588 लोग विदेश से लौट चुके हैं। इनमें लगभग 400 रेड जोन देशों से हैं। इसे देखते हुए फोकस और टारगेट सैंपल दोगुने करने को कहा गया है। एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशनों में अतिरिक्त सुरक्षा इंतजाम किए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं। विदेशों से लगातार यात्री आ रहे हैं, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इसे लेकर हलकान है। इनकी मॉनीटरिंग कठिन हो रही है। सीएमओ डॉ. नेपाल सिंह का कहना है कि वैक्सीनेशन और मास्क पर जोर देर दें। अन्यथा कभी भी संकट आ सकता है। कोविड नियमों के पालन से खतरे को टाला जा सकता है।

केंद्रीय मंत्रालय ने 72 यात्रियों की और दी सूची
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यहां स्वास्थ्य विभाग को 72 और लोगों की सूची दी है। इनमें 22 रेड जोन देशों से लौटे हैं। मॉनीटरिंग की जा रही है, अभी इन लोगों से संपर्क किया जा रहा है।