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देश के वीर योद्धा सीडीएस जनरल बिपिन रावत नहीं रहें , जानें इनकी उपलब्धियां

देश के वीर योद्धा सीडीएस जनरल बिपिन रावत नहीं रहें , जानें इनकी उपलब्धियां


चेन्नई : कन्नूर हेलीकॉप्टर क्रैश में (Helicopter Crash) चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत का निधन हो गया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है. इस हादसे में जनरल रावत और उनकी पत्नी समेत 13 लोगों की मौत हो गई है. वहीं ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की हालत गंभीर बताई जा रही है. बता दें कि हेलीकॉप्टर में 14 लोग सवार थे.वायुसेना ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा कि बहुत ही अफोसस के साथ अब इसकी पुष्टि हुई है कि दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में जनरल बिपिन रावत, मधुलिका रावत और 11 अन्य की मृत्यु हो गई है. तमिलनाडु के कुन्नूर के पास भारतीय वायु सेना के एक हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. हेलीकॉप्टर में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और कई अन्य अधिकारी सवार थे.आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर सुलूर से वेलिंगटन के लिए रवाना हुआ और चालक दल सहित हेलीकॉप्टर में 14 लोग सवार थे. सीडीएस वेलिंगटन में डिफेंस स्टाफ कॉलेज जा रहे थे. वायुसेना ने कहा कि दुर्घटना की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी' के आदेश दे दिए गए हैं.भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत (indias first cds bipin rawat) का जन्म 16 मार्च, 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ था. वह भारतीय सेना के 27वें सेनाध्यक्ष थे. बिपिन रावत ने 31 दिसंबर, 2016 को सेनाध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया था. इस पद पर वे 31 दिसंबर, 2019 तक रहे.


बिपिन रावत वर्ष 1978 में भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से पास आउट होने के बाद 11वीं गोरखा राइफल्स की 5वीं बटालियन में सैन्य अधिकारी के रूप में भारतीय सेना में सेवा की शुरुआत की थी. बिपिन रावत भारतीय सैन्य अकादमी के बेस्ट जेंटलमेन कैडेट (Gentlemen cadet) थे. उन्हें 'स्वार्ड ऑफ ऑनर' (Sword of honour) भी मिला था.

पूरे करियर के दौरान उन्हें अति विशिष्ट सेवा मेडल (avsm), युद्ध सेवा मेडल (YSM), 

सेना मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल (VSM) आदि सम्मानों से अनेकों बार सम्मानित भी हुए थे. 

सेना प्रमुख के पद पर आने से पहले जनरल बिपिन रावत ने दक्षिणी कमान के कमांडर और सहसेनाध्यक्ष का पदभार भी संभाला था.

 बिपिन रावत ने कांगो में मल्टीनेशनल ब्रिगेड की कमान संभालने के साथ-साथ यूएन मिशन में महत्वपूर्ण पदों की भी जिम्मेदारी संभाली.


1978 में सेना की 11वीं गोरखा राइफल्स की पांचवी बटालियन में कमीशन मिला था.

भारतीय सैन्य अकादमी में उन्हें स्वोर्ड ऑफ ऑनर मिला.

1986 में चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर इंफैंट्री बटालियन के प्रमुख थे.

राष्ट्रीय राइफल्स के एक सेक्टर और कश्मीर घाटी में 19 इन्फेन्ट्री डिवीजन की अगुआई भी की.कॉन्गो में संयुक्तराष्ट्र के शांति मिशन का नेतृत्व भी किया.

1 सितंबर 2016 को उप सेना प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली थी.


१) जनरल बिपिन रावत (CDS) २) मधुलिका रावत (बिपिन रावत की पत्नी) ३) ब्रिगेडियर एल एस लिद्दरले. ४) कर्नल हरजिंदर सिंह ५) एन के गुरसेवक सिंह