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हरियाणा: रेवाड़ी में किसान आंदोलन और कोरोना काल के बीच चुनौतियों से जूझती रही पुलिस विभाग।
हरियाणा। रेवाड़ी कोरोना और किसान आंदोलन के बीच पुलिस के लिए वर्ष 2021 चुनौती भरा रहा। कोरोना काल में किए गए लाकडाउन और आंदोलन के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ अपराधियों से निपटने के लिए पुलिस को खासा पसीना बहाना पड़ा। इस साल कई महीनों तक लाकडाउन लगे होने के बावजूद अपराध का ग्राफ बढ़ा है।
वहीं हत्या, दुष्कर्म, लूट जैसी संगीन वारदात का बढ़ना, कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान है। इस वर्ष के अंत में हुई लूटपाट की वारदात के न सुलझने से पुलिस को किरकिरी भी झेलनी पड़ी। लूट की सभी वारदात आज भी अनसुलझी है। मोटरसाइकिल चोरी की वारदात में इस साल भी कमी नहीं आई। साइबर अपराध से निपटना पुलिस के लिए अभी भी चुनौती है। साइबर थाना पुलिस को कुछ मामलों में साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसने में भी कामयाबी मिली।
वहीं दूसरी तरफ़ वर्ष 2021 में कोरोना की दूसरी लहर में पुलिस को भी खासी मेहनत करनी पड़ी। पुलिस जवान अपनी ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमित होने से बच नहीं पाए और कई साथियों को भी खो दिया। लाकडाउन में भी पुलिस ने 24 घंटे नाकाबंदी कर मुस्तैदी से ड्यूटी की। कोरोना काल में एक समय ऐसा भी आया था, जब लोगों को आक्सीजन सिलेंडर के लिए मशक्कत करनी पड़ रही थी। ऐसे में पुलिस मददगार बन कर आगे आई और जरूरतमंद के घर के द्वार तक आक्सीजन सिलेंडर पहुंचाए। पुलिस के इस अभियान की हर ओर सराहना भी हुई।
वहीं पहले लोगों को पुलिस के समय पर नहीं पहुंचने की शिकायत रहती थी। डायल-112 की शुरुआत के बाद इस स्थिति में सुधार आया है और पुलिस की लेट लतीफी की शिकायतें भी कम हुई हैं। डायल-112 प्रोजेक्ट के तहत जिले के 12 पुलिस थानों में दो-दो इनोवा गाड़ियों सहित कुल 24 इमरजेंसी रिस्पांस व्हीकल इआरवी उपलब्ध कराई गई।
वहीं इन सभी 24 इनोवा गाड़ियों में तैनात पुलिस कर्मचारियों को भी आपातकालीन स्थिति के दौरान काम करने और सड़क हादसों में मरीजों को प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराने व अन्य मदद के लिए प्रशिक्षित किया गया है। इआरवी के शुरू होने के बाद ऐसे कई मौके आए जब समय पर पुलिस मदद पहुंचने से लोगों की जान बचाई जा सकी।
बता दें कि वहीं दिसंबर 2020 में दिल्ली ओर बढ़ रहे आंदोलनकारी किसानों को दिल्ली-जयपुर हाईवे स्थित जयसिंहपुर खेड़ा-शाहजहांपुर बार्डर पर रोक दिया गया था। किसानों को रोकने के लिए पुलिस को काफी पसीना बहाना पड़ा था और बैरिकेडिग की गई थी। साल भर किसानों का आंदोलन और प्रदर्शन चलते रहे। आंदोलन के दौरान पुलिस के जवानों को रात-रात भर जाग कर ड्यूटी करनी पड़ी और जिले में कानून व्यवस्था बिगड़ने नहीं दिया।
वहीं पुलिस की ओर से थानों में मित्र कक्ष भी बनाए जाने लगे हैं। माडल टाउन थाने में तो मित्र कक्ष बनकर भी तैयार हो गया है। आपसी विवाद, लड़ाई झगड़े व दहेज संबंधित मामलों में दोनों पक्षों को बैठाकर बातचीत करने के उद्देश्य से इन मित्र कक्षों की स्थापना की गई है। हर थाने में मित्र कक्ष बनाए जाने का प्रोजेक्ट है। देखना यही है कि यह मित्र पक्ष पुलिस और यहां आने वाले शिकायतकर्ताओं के बीच कितनी मित्रता करा पाते हैं।
बता दें कि वहीं पुलिस विभाग की ओर से हर वर्ष महिला अपराध में कमी लाने और आरोपितों पर शिकंजा कसने के लिए प्रयास किए जाते है। पुलिस द्वारा महिलाओं की मदद के लिए दुर्गा शक्ति टीम गठित की गई थी, लेकिन इस वर्ष दुर्गा शक्ति की टीम सक्रिय नजर नहीं आई। दुर्गा शक्ति के सक्रिय न होने का एक कारण कोरोना काल और किसान आंदोलन के दौरान पुलिस बल की तैनाती भी रही।
वहीं महिलाओं से झपटमारी व दुष्कर्म की घटनाओं में भी कमी नही हुई। पुलिस द्वारा हर थाने में एक महिला हेल्प डेस्क भी शुरू की गई है। इसके अतिरिक्त पुलिस लाइन स्थित महिला थाना में हेल्पलाइन नंबर 1091 चलाया जा रहा है। वर्ष 2020 में दुष्कर्म के 63, अपहरण के 61, दहेज हत्या के 12, छेड़छाड़ के 104 व दहेज प्रताड़ना के 195 मामले दर्ज हुए थे।