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ITR Filing: इनकम छुपाना पड़ेगा भारी, टैक्स देनदारी का 200% तक भरना पड़ सकता है जुर्माना

ITR Filing: इनकम छुपाना पड़ेगा भारी, टैक्स देनदारी का 200% तक भरना पड़ सकता है जुर्माना

बिजनेस । इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं तो टैक्स चुकाना अच्छी बात है. सरकार इसे बचाने के कई उपाय बताती है. आप अलग-अलग सेक्शन में टैक्स बचा सकते हैं या टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं. लेकिन इनकम टैक्स रिटर्न में कम इनकम दिखाना और उससे टैक्स बचाना कतई सही नहीं. ऐसा करते आप पकड़े जाते हैं तो कड़ी कार्रवाई का सामना करना होगा. आर्थिक जुर्माना तो होगा ही, विपरीत परिस्थितियों में जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है. सो, टैक्स विभाग की कार्रवाई से बचना है तो आईटीआर में इनकम की सही-सही जानकारी दें.

आईटीआर में इनकम को दिखाना ‘अंडर रिपोर्टिंग ऑफ इनकम’ कहा जाता है. आईटीआर में आपने जो इनकम दिखाया, अगर सरकार की तरफ से निर्धारित की गई आय से अधिक है, सरकार द्वारा तय की गई टैक्स छूट की सीमा से अधिक है, लेकिन आपने आईटीआर में अपनी आय कम दिखाई तो टैक्स देनदारी का 50 परसेंट जुर्माना देना होगा. टैक्सपेयर को कम रिपोर्ट की गई इनकम पर टैक्स देनदारी का 50% जुर्माना लगाया जाएगा.


अगला नियम 200 परसेंट तक के जुर्माने का है. आपके आईटीआर में इनकम की गलत जानकारी देने की वजह से आपकी टैक्स देनदारी अंडर रिपोर्टिंग होती है. यानी गलत जानकारी देने की वजह से आप टैक्स भरने से बच जाते हैं जबकि आपकी इनकम टैक्स देने के योग्य है, तो ऐसी स्थिति में आपको 200 परसेंट तक जुर्माना भरना पड़ सकता है.


इनकम के अलावा भी कई नियम हैं जिनका पालन किया जाए तो जुर्माना देना पड़ता है. अकाउंट का खाता-बही या अकाउंट से जुड़े कागजात सही-सही मेंटेन न किए जाएं तो 25,000 रुपये तक जुर्माना लग सकता है. अगर आपने इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन किया है और उसकी जानकारी नहीं दी है या कागजात में नहीं दिखाए हैं तो लेनदेन की राशि का 2 परसेंट हिस्सा जुर्माने के रूप में भरना पड़ सकता है.


कई बार ऐसा भी होता है कि इनकम आईटीआर में नहीं बताई जाए. इस पर भी गंभीर कार्रवाई का प्रावधान है. इसमें टैक्स देनदारी का 10 परसेंट तक जुर्माना देना पड़ सकता है. अगर कोई व्यक्ति लोन लेता है देता है और ट्रांजेक्शन के लिए चेक, ड्राफ्ट या ईसीएस का इस्तेमाल नहीं किया जाता तो उस व्यक्ति को लोन अमाउंट के बराबर जुर्माना भरना पड़ सकता है. अगर यह काम लोन जमा करने के लिए नहीं किया जाए तो उस पर भी जुर्माना देना पड़ सकता है.

टैक्स अधिकारी को छानबीन के दौरान अगर अकाउंट बुक में फर्जी इनवॉइस मिल जाए या असली के बदले कोई फर्जी दस्तावेज लगाए गए हों तो उस पर भारी जुर्माने का प्रावधान है. किसी ऐसे व्यक्ति या कंपनी को सप्लाई दी गई हो जो हो ही नहीं और कागज पर नाम भरा गया हो तो इसमें जुर्माना लगता है. रिसीवर में ऐसे व्यक्ति का नाम हो जिसका कोई अस्तित्व नहीं हो और नाम झूठ में लिगा गया हो तो उस केस में भी गंभीर कार्रावाई होती है.