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झारखंड: धनबाद कोयला सेक्टर में उत्पादन डिस्पैच पर भी होगा निजी कंपनियों का राज।
झारखंड। धनबाद कोल सेक्टर में निजी कंपनियों पर जोर दिया जाएगा। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। कोल इंडिया में उत्पादन व डिस्पैच को बढ़ावा देने के लिए निजीकरण को सरकार बढ़ावा देगी। इसके संकेत कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने दिया है। राज्यसभा में दिए गए जवाब में इसका उल्लेख है। श्रम संगठनों को विश्वास में लिए बिना कोयला मंत्रालय व कोल इंडिया प्रबंधन एक तरफा निर्णय ले रही है। सरकार ने कोयला उत्पादन व डिस्पैच को निजी क्षेत्रों में देने को लेकर प्लान पर काम शुरू कर दिया है।
वहीं कोयला मंत्रालय ने 141 कोयला ब्लाक को निजी हाथों में आवंटन करने को लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसमें दो दौर की नीलामी भी पूरी हो चुकी है। मालूम हो कि इससे पहले भी आउटसोर्सिंग कंपनियों द्वारा कोयला खनन का काम किया जा रहा है, लेकिन इसमें और भी छूट देने का प्लान है। निजी कंपनियों को पूरी तरह से अपने हिसाब से काम करने की छूट मिल जाएगी, जो मौजूदा समय में प्रबंधन अपने पास रखती है।
वहीं दूसरी तरफ़ कोयला सेक्टर का जिस उद्देश्य के साथ सरकारीकरण किया गया था मौजूदा केंद्र सरकार उससे पूरी तरह भटक गई है। देश के विकास में कोयला सेक्टर की अहम भूमिका है। ऐसे में इसका निजी संचालन करना पूरी तरह से राष्ट्र व उद्योग हित के खिलाफ है। सभी को एकजुटता के साथ विरोध करना चाहिए।
बता दें कि वहीं मानस चटर्जी, सचिव, सीटू कोल इंडिया काफी मुनाफा में है। विपरीत परिस्थिति में भी कोल इंडिया ने देश के विकास में आगे बढ़ कर काम किया है। कोयला उद्योग को निजी हाथों में देना सरासर गलत है। कोयला उद्योग के मजदूरों को एकजुट होकर इसका विरोध करना चाहिए।