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कानपुर : नकली दवा और च्यवनप्राश बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़, दो महिला गिरफ्तार
कानपुर. उत्तर प्रदेश के औद्योगिक शहर कानपुर के नौबस्ता थानाक्षेत्र के केशव नगर इलाके में पुलिस ने एक नकली दवा व च्यवनप्राश बनाने और बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. नौबस्ता थाना पुलिस ने इस मामले में दो आरोपी महिला को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया है कि यहां नकली दवाएं और च्यवनप्राश तैयार की जाती थी और उसे शक्ति बढ़ाने, मोटापा कम करने के नाम पर जगह-जगह टेंट, स्टाल या कैंप लगाकर बेची (सप्लाई) जाती थी. सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने काफी संख्या में नकली दवा, च्यवनप्राश और पैकिंग मटेरियल समेत कई सामान बरामद किया है. हालांकि इस गिरोह का एक सदस्य फरार होने में सफल रहा.
कानपुर कमिश्नरेट में एडीसीपी साउथ क्राइम (ASP) मनीष चन्द्र सोनकर ने बताया कि गिरफ्तार की गई महिलाओं की पहचान केशव नगर निवासी सुशीला शुक्ला और प्रीति पांडेय के रूप में हुई है. आगे एडीसीपी साउथ सोनकर ने बताया कि ये सभी घर पर नकली आयुर्वेदिक दवाएं बनाते और उसकी सप्लाई करते थे. सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस द्वारा इनके पास से नकली दवाएं और 15 ब्रांड के च्यवनप्राश बरामद किए गए हैं. पुलिस के द्वारा इसकी सूचना जिला औषधि विभाग को दिया गया है. इनके पास से बरामद किए गए नकली दवा और च्यवनप्राश को संबंधित विभाग द्वारा परीक्षण के लिए सैंपल ले लिया गया है. शहर के थाना नौबस्ता इंस्पेक्टर अमित कुमार भड़ाना ने बताया कि आरोपी असली च्यवनप्राश में चूर्ण, चीनी और कुछ जड़ी-बूटियां मिलाते थे. फिर वे इसे विभिन्न ब्रांडों के डिब्बों में पैक करते थे और 400 रुपये में 500 ग्राम के बॉक्स, 700 रुपये में 900 ग्राम के बॉक्स की बेचते (सप्लाई) थे. आगे नौबस्ता इंस्पेक्टर ने बताया कि आरोपी चूर्ण और चीनी से नकली आयुर्वेदिक दवाएं भी बनाते थे.
नकली दवाएं व च्यवनप्राश बेचने के मामले में गिरफ्तार आरोपी महिलाओं से जब पुलिस ने पूछताछ की तो उन महिलाओं ने पुलिस को बताया कि उनकी जिम्मेदारी बस दवा और च्यवनप्राश तैयार करने की थी. इन आरोपियों में से एक आरोपी का दामाद जिसका नाम विकास है वह बेचने (सप्लाई ) का काम करता था. नकली दवाएं व च्यवनप्राश मेलों और बाजारों में टेंट या स्टाल लगाकर बेची जाती थीं. आरोपियों ने बताया कि हाल ही में इस गिरोह ने मध्य प्रदेश के एक मेले में नकली दवाओं और च्यवनप्राश को बेचा था. मौजूदा समय में इन नकली सामानों को माघ मेले में बेचने के लिए पैकेजिंग व अन्य तैयारी की जा रही थी.