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मध्य प्रदेश: भोपाल में एक दुसरे से तलाक पाने के लिए बच्चों को मोहरा बना रहे माता पिता।

मध्य प्रदेश: भोपाल में एक दुसरे से तलाक पाने के लिए बच्चों को मोहरा बना रहे माता पिता।


मध्य प्रदेश। भोपाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पास इन दिनों ऐसे मामले आ रहे हैं, जिनमें माता-पिता के झगड़ों के बीच बच्चों को मोहरा बनाया जा रहा है। तलाक के मुकदमे में समर्थन के लिए माता-पिता बच्चों को अपने पक्ष में करने के लिए खिलाने-पिलाने से लेकर तरह-तरह के प्रलोभन देते हैं। उनसे झूठ बोलने को कह रहे हैं। वे बच्चों को भड़काते भी हैं। 

वहीं माता या पिता ऐसा इसलिए करते हैं कि काउंसिंलिंग में कुटंब न्यायालय में बच्चे उनके पक्ष में बयान दें, जिससे उन्हें तलाक के मुकदमे में निर्णय अपने पक्ष में करवाने का आधार मिल सके। आयोग में इस साल अब तक करीब 25 ऐसे केस आए, जिनमें दंपती के बीच तलाक का मामला कोर्ट में चल रहा है और उनके बच्चों ने ऐसी शिकायत की है। आयोग की चिंता है कि इसमें बच्चे मानसिक तनाव का शिकार हो रहे हैं। 

वहीं दूसरी तरफ़ उन पर झूठ बोलने के लिए भी दबाव बनाया जाता है। बच्चे बाल आयोग में पत्र भेजकर और ईमेल कर अपना दर्द बता रहे हैं। गौरतलब है कि इससे पहले भोपाल में एक महिला ने ससुराल में शौचालय नहीं होने पर पति के खिलाफ तलाक का केस कर दिया था। इसके बाद जब पति ने घर में शौचालय बनवा दिया, तब पत्नी साथ रहने के लिए तैयार हुई और उसने तलाक का केस भी वापस ले लिया। इस दंपती की शादी करीब पांच साल पहले हुई। 

वहीं दूसरी तरफ़ भोपाल से शादी के बाद जब दुल्हन अपनी सुसराल विदिशा पत्नी तो वहां शौचालय नहीं मिला। उसने इस समस्या के संबंध में अपने पति और ससुराल वालों से बात की, मगर किसी ने ध्यान नहीं दिया। इसके बाद वह रूठकर मायके चली गई। उसने सोचा कि सुुसराल वाले उसकी बात मान जाएंगे, मगर ऐसा नहीं हुआ, तब वह कोर्ट पहुंची। करीब साढ़े चार साल तक पति और पत्नी अलग-अलग रहे। जब दोनों के बीच समझौता करवाने की कोशिश की गई तो पत्नी ने कहा कि उसके कमरे के साथ शौचालय की व्यवस्था की जाए।