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नई दिल्ली: अब एयरपोर्ट पर रैपिड पीसीआर व आरटीपीसीआर जांच शुल्क को लेकर यात्रियों और स्टाफ में हो रही कहासुनी।
नई दिल्ली। बुधवार रात 12 बजे से बृहस्पतिवार शाम करीब पांच बजे तक जोखिम श्रेणी में शामिल देशों से 2,957 यात्री इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट आइजीआइ पर उतरे। गंतव्य तक जाने की जल्दबाजी के बीच यात्रियों को जब यह बताया गया कि नए दिशा निर्देशों के मुताबिक एयरपोर्ट से बाहर उन्हें तभी निकलने दिया जाएगा, जब उनकी आरटीपीसीआर जांच होगी और उसके नतीजे मिल जाएंगे, तब यात्रियों को बड़ी निराशा हुई।
वहीं यात्रियों को रैपिड पीसीआर व आरटीपीसीआर जांच का विकल्प दिया गया। जब उन्हें पता चला कि रैपिड जांच के नतीजे आने में अधिकतम एक घंटे का वक्त लगेगा, तो अधिकांश ने रैपिड जांच का विकल्प चुना। लेकिन जब उन्हें रैपिड जांच के शुल्क के बारे में जानकारी दी गई तो वे फिर से बिफर गए।
हालांकि बिरफरने के बाबजूद अधिकांश यात्रियों ने रैपिड जांच का ही विकल्प चुना ताकि वे जल्द से जल्द टर्मिनल से बाहर निकलें। जांच के नतीजे मिलने के बाद निकल रहे यात्रियों का कहना था कि जब सरकार ने जांच को अनिवार्य किया है तो उसका भुगतान भी सरकार को ही करना चाहिए। यात्री तब इसका खुशी-खुशी भुगतान करते जब जांच की जरूरत वैकल्पिक होती।
वहीं दूसरी तरफ़ लेकिन सरकार ने इसे वैकल्पिक नहीं रहने दिया। सबसे बड़ी बात है कि वे आखिर कितनी जगहों पर जांच कराएंगे। कुछ यात्रियों को जब यह पता चला कि अब सरकार ने रैपिड जांच के शुल्क को 3,900 से कम करके 3,500 रुपये कर दिया है तो उन्होंने इसका स्वागत किया लेकिन इस कमी को नाकाफी भी बताया।
वहीं दूसरी तरफ़ आइजीआइ की संचालक एजेंसी डायल की ओर से ऐसे आरटीपीसीआर नतीजों का इंतजार करने वाले यात्रियों के लिए इंतजाम किए गए हैं। लोग को यहां बैठने में दिक्कत नहीं हो, इसके लिए करीब 1500 कुर्सियों को इस तरह व्यवस्थित किया गया है कि शारीरिक दूरी के पालन में किसी को कोई दिक्कत नहीं हो। इंतजार कर रहे यात्रियों को खाने-पीने की चीजें मिलती रहें इसके लिए जगह-जगह इंतजाम किए गए हैं। ऐसे यात्रियों को खाने पीने की वस्तुओं की कीमत अधिकतम खुदरा मूल्य पर दी जा रही है। इनसे किसी भी तरह का अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जा रहा है।
बता दें कि एयरपोर्ट पर जो लोग शारीरिक दूरी या मास्क पहनने को लेकर लापरवाही बरत रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। सिविल डिफेंस कर्मी ऐसे लोगों के खिलाफ चालान कर रहे हैं। कई लोग चालान किए जाने पर नाराजगी जताते हैं लेकिन सिविल डिफेंस कर्मी ऐसे लोगों को उनकी लापरवाही का वीडियो दिखाकर उन्हें सख्त हिदायत दे रहे हैं।
एयरपोर्ट पर कोरोना जांच के नतीजों के लिए लोगों को अधिक समय तक इंतजार नहीं करना पड़े, इसके लिए जरूरी है कि जांच के नतीजे जलद से जल्द उपलब्ध कराए जाएं। इस बात को देखते हुए एयरपोर्ट पर कोरोना जांच करने वाली डायग्नोस्टिक कंपनी की ओर से अतिरिक्त कर्मियों की डयूटी लगाई गई है।
वहीं दूसरी तरफ़ नए वैरिएंट से पहले रोजाना अधिकतम एक हजार लोगों की जांच यहां होती थी। लेकिन अब यह आंकड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। हालांकि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान यहां एक दिन में पांच हजार लोगों तक के सैंपल की जांच हुई है। अब नई परिस्थिति को देखते हुए करीब 350 लोगों को केवल रैपिड जांच के लिए डयूटी पर लगाया गया है। सूत्रों का कहना है कि एयरपोर्ट पर रैपिड जांच के लिए आने वाले लोगों की संख्या जिस हिसाब से बढ़ रही है, उसे देखते हुए इस संख्या को आने वाले दिनों में और भी बढ़ाया जाएगा।