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भारत में डिजिटल करेंसी की राह आसान नहीं है, जानिए इससे जुड़ी चुनौतियों के बारे में…
नई दिल्ली । दुनियाभर में डिजिटल करेंसी की बढ़ती लोकप्रियता के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) भी भारत की अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करने की तैयारियों में जुटा है. इस डिजिटल मुद्रा की कीमत निश्चित होगी और इसका मूल्य प्रिंटिड करेंसी यानी छपे हुए नोटों के बराबर होगी. वैसे इस मामले में हम सब काफी कुछ सुन और देख चुके हैं. लेकिन खबर तो ये है कि भारत में डिजिटल करेंसी की राह आसान नहीं होने वाली है.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का भी यही मानना है. दरअसल सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) की राह में साइबर सिक्योरिटी और डिजिटल धोखाधड़ी सबसे बड़ी बाधा है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने CBDC से जुड़े साइबर सुरक्षा खतरे और संभावित डिजिटल धोखाधड़ी को नकली नोटों की समस्या जैसा बताया है. जिसे तमाम कोशिशों के बाद भी जड़ से खत्म नहीं किया जा सका है.
बता दें, इस समस्या से निपटना सरकार और आरबीआई दोनों के लिए एक बड़ी चुनौती होगी, भारतीय रिजर्व बैंक के सामने तकनीकी इन्नोवेशन से जुड़ी चुनौतियां भी हैं. हालांकि, डिजिटल करेंसी पर सवाल इतने ज्यादा हैं कि भारतीयों की समझ से अभी परे है. क्योंकि भारत की लगभग 70 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है.
डिजिटल करेंसी की इस राह में साक्षरता भी एक बाधा है, क्योंकि भारत की साक्षरता दर लगभग 78 प्रतिशत ही है. ऐसे में डिजिटल करेंसी का उपयोग करने और उसे सुरक्षित रखने के लिए कम्प्यूटर की समझ तो सबके लिए नितांत जरूरी है. इन सब बातों से भारत में डिजिटल करेंसी की राह आसान नजर नहीं आती है.भारत में डिजिटल करेंसी को अमलीजामा पहनाने के लिए अभी बहुत माथा-पच्ची करनी होगी.
पिछले दिनों क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता काफी देखी गई, उस दौरान वह लोग जिनको डिजिटल करेंसी को लेकर अच्छी जानकारी है और दूसरी ओर वो लोग भी जिनको शायद ही इसकी जानकारी हो, लेकिन इस तरफ बढ़ते रुझान को देखते हुए काफी लोगों को इस डिजिटल करेंसी ने प्रभावित किया. जिसके बाद ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने डिजिटली करेंसी की दिशा में काम करने की बात तो कही है. लेकिन भारत में यह पूरी प्रक्रिया बिल्कुल भी आसान नहीं है. बेशक इस ओर काम करने को लेकर कई बातें कही जा रही है, लेकिन कुछ खास परेशानियों जो सामने आ रही हैं, उससे यह काफी हद तक मुश्किल हो सकता है.
– साइबर सिक्योरिटी और डिजिटल धोखाधड़ी
– तकनीकी इन्नोवेशन से जुड़ी चुनौतियां
– भारत की साक्षरता दर