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पंजाब: चंडीगढ मनीमाजरा में कोविशील्ड की दुसरी डोज के भी आधार कार्ड पर दूसरे व्यक्ति को टीका लगाने के मामले हुईं गड़बड़ी।
चंडीगढ। मनीमाजरा में कोरोना वैक्सीन टीकाकरण में भी धांधली सामने आ रही है। इसमें किसी के भी आधार कार्ड पर दूसरे व्यक्ति को टीका लगाने के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे ही दो मामले मनीमाजरा सिविल अस्पताल में देखने को मिले हैं। यहां सरकारी रिकार्ड में एक व्यक्ति की दूसरी डोज जम्मू-कश्मीर जबकि दूसरे की दूसरी डोज आंध्र प्रदेश के व्यक्ति को दिख रही है। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने उन दोनों लोगों को दूसरी डोज लगाने से मना कर दिया, जिनके आधार नंबर प्रयोग किए गए हैं। अब इस मामले में एक पीड़ित ने मनीमाजरा थाने में शिकायत भी दर्ज करवाई है।
वहीं डेराबस्सी में रेस्त्रां मालिक जसबीर सिंह ने बताया कि उन्होंने 31 अगस्त को मनीमाजरा के सिविल अस्पताल में कोविशील्ड की पहली डोज लगवाई थी। इसके बाद वो अपनी दूसरी डोज लगवाने वीरवार दोपहर करीब डेढ़ बजे मनीमाजरा अस्पताल पहुंचे। पहले तो अस्पताल के कर्मियों ने यह कह कर टाल दिया कि उनके मोबाइल नंबर पर वैक्सीनेशन का कोई रिकॉर्ड नहीं है।
वहीं दूसरी तरफ़ जब उन्होंने अपना आधार कार्ड दिया तो सरकारी रिकार्ड से पता चला कि उसकी दूसरी डोज 18 नवंबर को जम्मू कश्मीर के रामबन में सरकारी स्कूल में लगे कैंप में लगाई जा चुकी है। उन्होंने बताया कि वे कभी जम्मू कश्मीर गए नहीं। बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन ने उसे दूसरी डोज लगाने से मना कर दिया।
वहीं दूसरी तरफ़ जसबीर ने बताया कि जब उन्हें पता चला कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर में हो रहा है तो उसके पांव के नीचे से जमीन खिसक गई। जसबीर का कहना है कि जम्मू-कश्मीर अति संवेदनशील राज्य है । अगर कोई उसके आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल कर कुछ अप्रिय घटना को अंजाम दे देगा तो उनके लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है। डर के कारण उन्होंने इसकी शिकायत मनीमाजरा पुलिस को दी है।
वहीं दूसरी तरफ़ ऐसी ही एक और समस्या मनीमाजरा के कुलदीप कुमार शर्मा के साथ पेश आई है। ड्राइवर कुलदीप शर्मा ने बताया कि उन्होंने अपनी पहली वैक्सीनेशन की डोज 14 जून को मनीमाजरा सिविल अस्पताल में लगवाई थी। जिसके बाद उसकी दूसरी डोज 17 सितंबर को लगनी थी। 19 सितंबर को जब वो मनीमाजरा अस्पताल दूसरी डोज लगवाने के लिए पहुंचे तो उन्हें पता चला कि उनकी दूसरी डोज तो आंध्र प्रदेश में किसी व्यक्ति को लग चुकी है। उन्होंने डॉक्टरों को बहुत समझाने का प्रयास किया कि उनको दूसरी डोज नहीं लगी परंतु डॉक्टरों ने यह कह कर पल्ला झाड़ लिया कि उन्हें हर एक डोज का हिसाब देना पड़ता है।