धर्म । भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित एकादशी व्रत बहुत पावन व्रत माना जाता है। प्रत्येक माह दो एकादशी का व्रत रखा जाता है। एकादशी व्रत में भगवान श्री हरि विष्णु की विशेष आराधना की जाती है। एकादशी तिथि पर वास्तु के मुताबिक, कुछ विशेष उपाय करने से जीवन से समस्याएं दूर हो जाती हैं और घर-परिवार में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
एकादशी व्रत बहुत ही पुण्यदायी व्रत है। इस दिन विधि-विधान से पूजा-पाठ करने से हर पाप का नाश होता है। इस तिथि पर घर में पौधे रोपें। घर की पूर्व दिशा में तुलसी जी का पौधा लगाएं। इस दिन केले के वृक्ष की जड़ में दीपक जलाएं। एकादशी के दिन घर की छत पर गेंदे के पुष्प का पौधा लगाने से दांपत्य जीवन में मधुरता और घर में सुख शांति आती है। घर की छत पर पीला ध्वजा लगाएं। इस दिन दंपति को आंवले का पौधा घर के आंगन में रोपना चाहिए। एकादशी पर पका हुआ भोजन नहीं करना चाहिए। इस दिन सात्विक रहें। दूषित विचार तक मन में न लाएं। इस दिन भगवान श्री हरि को पीले रंग के पुष्प अर्पित करें। भगवान विष्णु की पूजा करते समय खीर का भोग लगाएं। खीर में तुलसी की पत्तियां अवश्य डालें। इस दिन पीले रंग के फल, कपड़े व अनाज भगवान विष्णु को अर्पित करें। जरूरतमंदों को दान दें। एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। घर के पूजा स्थान पर कलश की स्थापना करें। कलश के ऊपर भगवान श्री हरि विष्णु की मूर्ति स्थापित करें। सुगंधित फूल, नारियल, मिष्ठान्न, ऋतुफल और तुलसी दल भगवान विष्णु को समर्पित करें। विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। श्रीहरि की आरती करें। रात्रि जागरण करें। भगवान श्री हरि विष्णु के भजन-कीर्तन में समय व्यतीत करें।