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Kashi Vishwanath Corridor Inauguration Live Update : पीएम ने काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव की पूजा अर्चना
वाराणसी। काल भैरव मंदिर पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दर्शन-पूजन के साथ आरती करके देश के लिए मंगलकामना की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दो दिन के प्रवास पर बाबा भोले की नगरी को नायाब तोहफे देंगे। पीएम मोदी दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर वायुसेना के विशेष विमान से पहुंचे हैं।
वहीं एयरपोर्ट के एप्रन पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह , आशुतोष टंडन, मंत्री नीलकंठ तिवारी, मंत्री अनिल राजभर, सांसद बीपी सरोज, राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय, महिला शक्ति पूजा दिक्षित, विधायक अवधेश सिंह, विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, मेयर मृदुला जायसवाल, लक्ष्मण आचार्य, विधायक रविन्द्र जायसवाल, जिलापंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या,जिला अध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा सहित अन्य भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनकी अगवानी की।
उसके बाद प्रधानमंत्री 10:30 बजे वाराणसी एयरपोर्ट से सड़क मार्ग से शहर के लिए प्रस्थान कर गए। प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से कालभैरव मंदिर जाएंगे। प्रधानमंत्री को वाराणसी एयरपोर्ट से हेलीकाप्टर से जाना था लेकिन एकाएक प्रोटोकाल में परिवर्तन किया गया।
वहीं दूसरी तरफ़ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में करीब 352 वर्ष बाद श्री काशी विश्वनाथ धाम का पुरातन से नव्य-भव्य स्वरूप निखर कर दुनिया के सामने आया है। शिवपुरी में आस्था का रेला हिलोर ले रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चंद घंटों बाद इसको जनता को समर्पित करेंगे। इस पल का साक्षी बनने के लिए काशी में मानों पूरा देश उमड़ पड़ा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बस कुछ घंटों बाद 5,27,730 वर्ग फीट में विस्तारित सज-संवर कर तैयार अपने संसदीय क्षेत्र के श्री काशी विश्वनाथ धाम के नए स्वरूप को देश को समर्पित करेंगे।
वहीं इसके साथ 13 दिसंबर को सनातन संस्कृति के इतिहास में एक स्वर्णिम पृष्ठ और जुड़ेगा। समस्त ज्योतिर्लिंगों के प्रतिनिधियों समेत देशभर के 150 से अधिक धर्माचार्य, संत-महंत व प्रबुद्धजन इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनेंगे। भाजपा शासित राज्यों के सव मुख्यमंत्री, सात उपमुख्यमंत्रियों समेत देश भर के राजनेता भी इसमें शामिल होने वाले हैं। जन आस्था के शीर्ष केंद्र के इस ऐतिहासिक कार्यक्रम से पूरे देश को जोडऩे के लिए 51,000 स्थानों पर एलईडी स्क्रीन तैयार है।
वहीं वाराणसी में यह परियोजना श्री काशी विश्वनाथ मंदिर को गंगा नदी के तट तक सुगम मार्ग के निर्माण को लेकर प्रधानमंत्री की परिकल्पना को साकार करेगी। इस परियोजना क्षेत्र 5 लाख वर्ग फुट में फैला हुआ है, जबकि पहले का परिसर सिर्फ 3000 वर्ग फुट तक सीमित था। इसमें 23 नए भवनों के निर्माण से तीर्थयात्रियों और भक्तों को अनेक सुविधाएं प्राप्त होंगी। इस कार्य के दौरान 300 से अधिक संपत्तियों का सौहार्दपूर्ण अधिग्रहण और परियोजना को मुकदमेबाजी से मुक्त बनाने के पीछे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सबको साथ लेकर चलने का दृष्टिकोण है। यहां पर 40 से अधिक प्राचीन मंदिरों को फिर से खोजा गया, उनका जीर्णोद्धार किया गया और उनका सौंदर्यीकरण किया गया।
वहीं वाराणसी में यह परियोजना श्री काशी विश्वनाथ मंदिर को गंगा नदी के तट तक सुगम मार्ग के निर्माण को लेकर प्रधानमंत्री की परिकल्पना को साकार करेगी। इस परियोजना क्षेत्र 5 लाख वर्ग फुट में फैला हुआ है, जबकि पहले का परिसर सिर्फ 3000 वर्ग फुट तक सीमित था। इसमें 23 नए भवनों के निर्माण से तीर्थयात्रियों और भक्तों को अनेक सुविधाएं प्राप्त होंगी। इस कार्य के दौरान 300 से अधिक संपत्तियों का सौहार्दपूर्ण अधिग्रहण और परियोजना को मुकदमेबाजी से मुक्त बनाने के पीछे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सबको साथ लेकर चलने का दृष्टिकोण है। यहां पर 40 से अधिक प्राचीन मंदिरों को फिर से खोजा गया, उनका जीर्णोद्धार किया गया और उनका सौंदर्यीकरण किया गया।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का काशी के दो दिनी प्रवास के लिए सोमवार सुबह 11 बजे आगमन होना है। काशी की परंपरानुसार सबसे पहले शहर कोतवाल कालभैरव का दर्शन-पूजन कर अनुमति लेंगे। इसके बाद राजघाट होते जलमार्ग से श्री काशी विश्वनाथ धाम जाएंगे। गंगा को प्रणाम कर जल कलश लिए भव्य द्वार से बाबा के विस्तारित दरबार में प्रवेश करेंगे और देशभर की 21 नदियों के जल से काशीपति का अभिषेक करेंगे। श्रीकाशी विद्वत परिषद के मार्ग दर्शन में पं. श्रीकांत मिश्रा, डा. नागेन्द्र पांडेय, पं. ओमप्रकाश मिश्रा समेत श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के अर्चक गण बाबा का षोडशोपचार पूजन करने के साथ अन्य अनुष्ठान कराएंगे। मंदिर चौक द्वार की दर्शन गैलरी के एकाकार दृष्टिपथ से बाबा दरबार गर्भगृह और गंगधार को शीश नवाएंगे। इसके बाद वह 339 करोड़ रुपये की लागत से बने श्री काशी विश्वनाथ धाम के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे।
वहीं शिलापट का अनावरण कर सजे-संवरे श्री काशी विश्वनाथ धाम को भक्तों के नाम करेंगे। पीएम मंदिर के विशाल चौक में देश भर से आए संत-महंतों के साथ संवाद करेंगे और विभोर मन से उन श्रमयोगियों को नमन करेंगे जिन्होंने तय समय से कम अवधि में ही बाबा के धाम को पूर्णता दी। उन्हें सम्मानित करने के साथ ही उनके संग बाबा का प्रसाद भी सिर माथे लगाएंगे। प्रधानमंत्री धाम में बनी वाराणसी गैलरी, सिटी म्यूजियम, मुमुक्षु भवन समेत अन्य भवनों को भी देखेंगे। जल मार्ग से संत रविदास घाट और फिर सड़क मार्ग से बनारस रेल इंजन कारखाना जाकर विश्राम करेंगे। सायंकाल प्रधानमंत्री फिर संत रविदास घाट आएंगे। योगी आदित्यनाथ समेत सभी मुख्यमंत्रियों व उपमुख्यमंत्रियों संग जलयान से गंगा के घाटों की छटा निहारेंगे और दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री लगभग तीन घंटे जलयान पर होंगे।