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यूपी: वाराणसी श्री काशी विश्वनाथ धाम पहुंची फिल्म अभिनेत्री व सांसद हेमा मालिनी, सकुशल पूर्वक किया दर्शन पूजन।

यूपी: वाराणसी श्री काशी विश्वनाथ धाम पहुंची फिल्म अभिनेत्री व सांसद हेमा मालिनी, सकुशल पूर्वक किया दर्शन पूजन।

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वाराणसी। फिल्म अभिनेत्री और मथुरा के सांसद हेमा मालिनी ने बुधवार को विश्वनाथ मंदिर में गर्भगृह के उत्तरी द्वार से किया दर्शन-पूजन। इस दौरान मंदिर की ओर से बाबा प्रसाद भेंट किया गया। दर्शन-पूजन के बाद लगभग 30 मिनट तक विश्वनाथ धाम में भ्रमण किया। मंदिर प्रांगण से बाहर आने पर दुकानों से पूजा सामाग्री की खरीदारी कर अपने गंतव्य को प्रस्थान की। हेमा मालिनी काशी फ‍िल्म महोत्सव में भाग लेने आई हैं।

वहीं दूसरी तरफ़ काशी फिल्म फेस्टिवल के मौके पर मशहूर अदाकारा हेमा मालिनी और उन्होंने नृत्य की भरत नाट्यम शैली में सती, पार्वती और दुर्गा के नौ स्वरूपों को मंच पर जीवंत कर दिया। इस अद्भुत प्रस्तुति को दर्शक अपलक निहारते रहे। नृत्य-नाटिका में सती के देह त्यागते ही शिव ने जैसे ही रौद्र रूप धारण किया, उनके तांडव के साथ पूरा हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। ठसाठस 12 सौ की क्षमता वाले थिएटर में मंचित सती, पार्वती और दुर्गा के स्वरूपों की प्रस्तुति के अविस्मरणीय पल को लोगों ने नयनों में तो उतारा ही इसे मोबाइल कैमरे में भी कैद किया। 

वहीं दुर्गा सप्तशती पर आधारित इस नृत्य-नाटिका में भरतनाट्यम शैली की भंगिमाएं थीं तो रविंद्र जैन, सुरेश वाडेकर और कविता कृष्णमूर्ति जैसे ख्यात गायकों के भक्ति पद में पिरोया संगीत था। शिव, सती, पार्वती के संवाद और गीतों ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। नृत्य-नाटिका के अंतिम चरण में हेमा मालिनी ने आदि शक्ति दुर्गा के नौ रूपों के अवतार में अवतरित हुईं तो दर्शकों ने मां का जयघोष किया। जैसे ही अपनी सवारी बाघ पर अवतरित हुईं तो दर्शकों ने साचे दरबार का जयकारा लगाया। यह अवतरण शानदार मंचन का उपसंहार बना।

बता दें कि वहीं शुभारंभ गणेश वंदना से तो नृत्य नाटिका का आरंभ शिव-सती के संवाद से हुआ। शिव बिना निमंत्रण सती के पिता राजा दक्ष के यहां होने वाले यज्ञ में जाने से इंकार करते हैं तो सती जाने की हठ करती हैं। वहां जाने पर सती का स्वागत-सत्कार नहीं होता है। वह पिता द्वारा भगवान शिव का अपमान नहीं सह पाती है। दुख से सती देह त्याग देती है। सती के प्राण त्यागते ही शिव तांडव शुरू करते हैं। 

वहीं दूसरी ओर पूरा थिएटर कुछ देर के लिए स्तब्ध रह जाता है। इधर मंच के देवलोक में हलचल मच जाती है। इसके बाद शिव की तपस्या भंगित होने, कामदेव के भस्म होने, रति वरदान के प्रसंग की प्रस्तुति हुई। मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप में मंच पर महाशक्ति बनकर आईं हेमा मालिनी का रूप देख दर्शक निहाल हो गए। इस नयनाभिराम स्वरूप को कैमरे में कैद करने की होड़ लग गई।