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यूपी: वाराणसी में इलेक्ट्रिक बसों को चार्ज करने के लिए तीन प्वाईंट आकर पूरी तरह हैं खड़ी। .
वाराणसी। इलेक्ट्रिक बसों को चार्ज करने हेतु तीन चार्जिंग प्वाईंट कंप्लीट हो गए हैं, अन्य को बनाने हेतु तेजी से काम चल रहा हैं। पन्द्रह चार्जिंग प्वाईंट बनाएं जाएंगे। एक प्वाईंट पर दो बसें चार्ज होंगी। डीजल पेट्रोल भरने वाली मशीन नुमा ही चार्जिंग मशीन हैं। जिस तरह नाजिल से तेल भरा जाता हैं, उसी तरह यह इलेक्ट्रिक नाजिल बस में लगाकर उसे चार्ज किया जाएगा। बनारस में चलने हेतु कुल 25 इलेक्ट्रिक बसें आ गई हैं। जल्द ही बसें सड़कों पर चलने लगेंगी।
वहीं बनारस में बढ़ते वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने व ईंधन डीजल की बचत हेतु इलेक्ट्रिक बसें चलाई जा रही हैं। मिर्जामुराद में 12 करोड़ 30 लाख रुपये से इलेक्ट्रिक बस चार्जिंग स्टेशन व वर्कशाप बन रहा हैं।यहां पर 30 बसों को एक साथ चार्ज किया जा सकता हैं। एसी बस में यात्रियों को बैठने हेतु 28 सीटें हैं।चालक की सीट अलग हैं। गियर नहीं हैं, स्लेटर से बस चलेगी।एक बस को चार्ज होने में 45 से 60 मिनट लगेंगे। एक बार चार्ज होने पर बस डेढ़ सौ किमी चलेंगी।
वहीं मिर्जामुराद में बस चालक, स्टोर मैनेजर, स्टोर कीपर, इलेक्ट्रिशियन, मैकेनिक, टायर चेंजर, डेन्टर, पेंटर, गार्ड, एसी टेक्नीशियन, आपरेटर के पद पर नियुक्ति पाने हेतु युवांओ की भीड़ लग रही हैं। युवां बायोडाटा लेकर पहुंच रहे। एक प्राइवेट कम्पनी द्वारा विभिन्न पदों पर नियुक्ति की जा रही।
बता दें कि बनारस में बढ़ते वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने व ईंधन डीजल की बचत हेतु इलेक्ट्रिक बसे चलाई जा रही हैं। मिर्जामुराद में 12 करोड़ 30 लाख रुपया से इलेक्ट्रिक बस चार्जिंग स्टेशन व वर्कशाप बन रहा हैं। इस कार्य को उत्तर-प्रदेश जल निगम के कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज व पीएमआई द्वारा कराया जा रहा हैं। चार्जिंग स्टेशन व वर्कशाप का निर्माण कार्य अंतिम दौर में चल रहा हैं।
वहीं दूसरी तरफ़ वाराणसी रेलवे स्टेशन से 23 किमी दूर वाराणसी प्रयागराज हाइवे मार्ग पर राजातालाब तहसील व आराजीलाइन ब्लाक अंतर्गत पड़ने वाले मिर्जामुराद के गौर गांव में ग्राम पंचायत द्वारा वर्ष 2019 में हाइवे किनारे इलेक्ट्रिक बस चार्जिंग डिपो बनाने का प्रस्ताव पारित कर ग्राम पंचायत की 0.635 हेक्टेयर करीब 53 बिस्वा भूमि दी गई हैं। जिस भूमि का प्रस्ताव दिया गया उस पर मौजूदा समय में तालाब रहा। उक्त तालाब में करीब 25 वर्षो से गौर गांव के डेढ़ सौ घरों के सीवर का पानी आता रहा।