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यूपी: सिद्धार्थनगर नौगढ़ ब्लाक के ग्राम पंचायत पलिया टेकधर में बिना काम किए करा लिया पूरा भुगतान।

यूपी: सिद्धार्थनगर नौगढ़ ब्लाक के ग्राम पंचायत पलिया टेकधर में बिना काम किए करा लिया पूरा भुगतान।


सिद्धार्थनगर। नौगढ़ ब्लाक के ग्राम पंचायत पलिया टेकधर में बिना काम कराए भुगतान कराने का मामला सामने आया है। इस गांव के ग्रामीणों ने दो मामलों की शिकायत की थी। प्रशासन के निर्देश पर दो सदस्यीय टीम ने स्थलीय सत्यापन किया। मौके पर कोई निर्माण कार्य नहीं मिला, लेकिन विभागीय मिलीभगत से धन से बंदरबांट होना पाया। वहीं दूसरे मामले में काम के सापेक्ष अधिक धन की निकासी करने की पुष्टि हुई है। अब दोनों मामलों में वसूली के लिए निर्देश दिया गया है।

वहीं पलिया टेकधर गांव निवासी दुर्गेश मिश्रा व पुनीत कुमार मिश्रा ने मुख्य विकास अधिकारी पुलकित गर्ग से दोनों मामले की शिकायत की थी। आरोप लगाया था कि विभागीय मिलीभगत से सरकारी काम में बंदरबांट किया जा रहा है। ग्राम पंचायत की परियोजना पक्की सड़क से आंगनबाड़ी केंद्र तक खड़ंजा निर्माण कार्य में ग्राम पंचायत अधिकारी व ग्राम प्रधान ने बिना काम कराए ही भुगतान करा लिया है। तकनीकी सहायक ने काम पूरा होने के संबंध में अपनी फर्जी रिपोर्ट भी लगाई है। मामले को संज्ञान में लेने के बाद उपायुक्त उद्योग व अवर अभियंता आरइएस को नामित करते हुए दो सदस्यीय टीम गठित की।

वहीं दूसरी तरफ़ जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 152762 रुपये की लागत से पक्की सड़क से आंगनबाड़ी केंद्र तक खड़ंजा का निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया। इस कार्य पर 114738 रुपये का भुगतान माप पुस्तिका में दर्शाया गया है। स्थलीय सत्यापन में पाया गया कि खड़ंजा निर्माण कार्य नहीं कराया गया है। ऐसे में भुगतान की समस्त धनराशि वसूली योग्य है।

वहीं जांच टीम ने रिपोर्ट में कहा है कि ग्राम पंचायत में 482442 रुपये की लागत से ओपेन जिम शेड का निर्माण कराया गया है। 476743 रुपये का भुगतान भी हो चुका है। स्थलीय सत्यापन में मिला कि कार्य मानक के अनुरूप नहीं किया गया है। जो काम हुआ है, उसका मूल्यांकन 45228 रुपये पाया गया। ऐसे में परियोजना के नाम पर 431514 रुपये अधिक निकाला गया है। 

वहीं ऐसे में इसकी वसूली कराया जाए। सीडीओ पुलकित गर्ग ने कहा कि ग्राम पंचायत पलिया टेकधर के ग्रामीणों ने शिकायत की थी। दोनों काम की जांच कराई गई। जांच टीम ने इन कामों में अनियमितता पाई है। रिपोर्ट को संज्ञान में लेने के बाद वसूली की कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया है।