वाराणसी। शहर में जल जागरूकता और जल प्रचुरता के निर्माण तथा लहरतारा जलाशय के पुनरुद्धार के लिए चलाई गई परियोजना के तहत शनिवार को कबीर मठ लहरतारा में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड क्षेत्रीय कार्यालय की पूर्व उपचार और उपचार के बाद के जल प्रतिदर्श परीक्षण रिपोर्ट जारी की गई। भारतीय मजदूर संघ के क्षेत्रीय संगठन मंत्री अनुपम ने लहरतारा जलाशय कायाकल्प परियोजना के तहत एक महीने में हुई प्रगति की जानकारी दी।
वहीं उन्होंने बताया कि लहरतारा जलाशय में घुलित आक्सीजन स्तर में 100 फीसद से अधिक सुधार के साथ इतिहास में पहली बार झील के पानी में घुलित आक्सीजन का स्तर गंगा के जल से भी अधिक पाया गया है। फिकल कालीफार्म सूक्ष्मजीवी के स्तर में 90 फीसद की भारी गिरावट, जल स्वच्छता के सुधार को दर्शाती है। मठ के व्यवस्थापक गोविंद दास ने कहा कि काउनामिक्स अर्क सतत, व्यावहारिक, समग्र और सिद्ध तकनीक है, जिसे स्वदेशी रूप से वैदिक विज्ञान और भारतीय शास्त्रों के आधार पर विकसित किया गया है।
बता दें कि वहीं लहरतारा झील का वास्तविक कायाकल्प का शुभारंभ 18 और 19 नवंबर 2021 को कबीर मठ में किया गया। उत्सव व परियोजना के आयोजक एनओसी फाउंडेशन दिल्ली और काशी के एनओसी एंड रिसर्च हैं, जबकि वैदिक सृजन एलएलपी दिल्ली आद्र्रभूमि वेटलैंड्स व जलाशयों वाटरबाडीज के मूल पारिस्थितिकी तंत्र के पुनरुत्थान के लिए काउनोमिक्स टीएम प्रौद्योगिकी भागीदार हैं।