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यूपी: वाराणसी बीएचयू में आज से इमरजेंसी सेवा बाधित करने जा रहे जूनियर रेजिडेंट।
वाराणसी। अपनी मांगों को लेकर चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू के जूनियर रेजिडेंटों जेआर ने मंगलवार की दोपहर बाद से अस्पताल में इमरजेंसी सेवा भी बाधित करने का फैसला लिया है। इसके लिए वे दोपहर दो बजे से इमरजेंसी, आइसीयू व एनआइसूयी वार्ड में डिप्टी कर रहे जेआर को बाहर निकालेंगे। ताकि सुप्रीप कोर्ट पर नीट-पीजी की काउंसिलिंग के मामले में सुनवाई जल्दी कराने का दबाव बन रहे।
वहीं जेआर की हड़ताल के कारण वार्डों में मरीजों की भर्ती व इलेक्टिव ओटी भी टाली जा रही है। दूर-दराज से आए रहे मरीज लौट रहे हैं। मंगलवार को भी कई मरीजों को ओटी के लिए तैयार किया गया था, लेकिन जूनियर डाक्टर नहीं रहने के कारण उनका आपरेशन नहीं हो सका। मालूम हो कि नए बैच के जेआर की नियुक्ति हर साल मई में हो जाती है। हालांकि इस साल कोरोना के कारण सारी प्रक्रिया देरी से हुई।
बता दें कि वहीं दूसरी तरफ़ जेआर का आरोप है कि सुप्रीमकोर्ट के विलंबित निर्णय की वजह से अभी तक जेआर की नियुक्ति नहीं हो पाई है। जेआर प्रथम वर्ष की नियुक्ति नहीं हो पाने के कारण उनपर अतिरिक्त भार पड़ गया है और चिकित्सा शिक्षा भी प्रभावित हो रही है। वहीं सुप्रीम कोर्ट में इसकी सुनवाई की तिथि छह जनवरी की गई। इस देरी के खिलाफ जेआर पूरे देश में फोर्डा (फेडरेशन आफ रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया) के आह्वान पर हड़ताल कर रहे हैं।
वहीं इसी के तहत बीएचयू में भी जेअर इमरजेंसी सेवा बाधित करने जा रहे हैं। अगर ऐसा होता है तो यहां पर आने वाले मरीजों को भारी परेशानी झेलनी पड़ेगी। हालांकि इस दौरान सीनियर डाक्टर मोर्चा पर रहेंगे। सीनियर रेजिडेंट भी काम पर रहेंगे। मालूम हो कि एनएसयूआई बीएचयू इकाई जूनियर डाक्टरों के हड़ताल को अवैध करार दी है। इनके खिलाफ पुतला भी दहन किए थे। चेताया था कि यदि अविलंब या धरना खत्म नहीं हुआ तो वे इसके खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।