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यूपी: वाराणसी धुंध में लिपटी हुई सुबह गलन का प्रकाेप अब भी हैं जारी।

यूपी: वाराणसी धुंध में लिपटी हुई सुबह गलन का प्रकाेप अब भी हैं जारी।

                                     S.K.Gupta Reporter

वाराणसी। धंध में लिपटी सुबह और लुढ़के पारे ने गुरुवार की सुबह लोगों को ठिठुरने पर विवश कर दिया। हालांकि कुछ ही देर बादखिली धूप व रुकी हवाओं ने लुढ़कते पारे को थाम लिया। पश्चिम की ओर से आती बर्फीली हवाओं की गति थमने से तथा धूप निकलने से पारा बढ़ना शुरू हुआ। फिर भी सुबह 10 बजे तक तापमान 17 डिग्री सेल्सियस तक ही पहुंच सका था। इसके चलते गलन का प्रकाेप कायम रहा।

वहीं मौसम विज्ञानियों का अनुमान है कि हवा न चलने तथा धूप निकलने से दिन में कुछ राहत मिल सकती है। साथ ही मौसम विज्ञानी यह भी कहते हैं कि इस पश्चिमी विक्षोभ के गुजरते ही एक अन्य विक्षोभ की जम्मू-कश्मीर से आगे बढ़ रहा है। वहां से उसका प्रभाव पंजाब, हरियाणा व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ तक महसूस किया जा रहा है। उम्मीद है कि एक-दो दिन में बनारस तक उसका असर पहुंचेगा तो एक बार फिर शीतलहर और कड़ाके की ठंड लोगों का हाड़ कंपाना शुरू कर देगी।

वहीं दूसरी तरफ़ मंगलवार को जहां अधिकतम तापमान 21.2 डिग्री सेल्सियस रहा, वहीं बुधवार को इसमें 1.2 डिग्री की बढ़त दर्ज की गई। यह 22.4 हो गया। इसी तरह न्यूनतम तापमान में भी मामूली यानी 0.6 डिग्री सेल्सियस की बढ़त दिखी। उम्मीद है कि गुरुवार को भी तापमान में मामूली वृद्धि हो सकती है। बीएचयू के सेवानिवृत्त मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय कहते हैं कि राहत की बात तब तक है, जब तक अधिकतम तापमान 20 से नीचे नहीं आता।

वहीं दूसरी तरफ़ अधिकतम तापमान दिन के समय जब 20 से कम हो जाता है तो आम लोगों को समस्या शुरू हो जाती है। न्यूनतम तापमान चूंकि रात के समय होता है, उस समय लोग सुरक्षित अपने घरों में सो रहे होते हैं, इसलिए उसका आम जनजीवन पर उतना असर नहीं होता। वह बताते हैं कि अगले दो दिनों में पीछे से आ रहे दूसरे पश्चिमी विक्षोभ के चलते अधिकतम तापमान के कम होने की संभावना प्रबल है। हां, इतना जरूर है कि इससे बादल या बारिश जैसी संभावना इधर नहीं दिखती, वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक ही रहेगी। आसमान अभी भी साफ बना हुआ है।