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यूपी: वाराणसी के परमेश्वर तिवारी गोवा मुक्ति दिलाने की टीम में लीडिंग सिग्नल मैन के पद पर थे कार्यरत।
वाराणसी। गोवा का मुक्ति दिवस प्रतिवर्ष 19 दिसंबर को मनाया जाता है। इस तारीख को 1961 में सेना के आपरेशन व विस्तारित स्वतंत्रता आंदोलन के बाद गोवा को पुर्तगाली प्रभुत्व से मुक्त कर दिया गया था। यह दिन भारतीय सशस्त्र बलों की याद में मनाया जाता है जिन्होंने गोवा को पुर्तगाली शासन से स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद की। पुर्तगालियों से हुई जंग में बलिया के शंकरपुर गांव निवासी परमेश्वर तिवारी की भी अहम भूमिका थी। उन्हें युद्ध सेवा मेडल का पुरस्कार भी मिला था। 1961 में जब युद्ध हुआ था वे उस समय लीडिंग सिग्नल मैन के पद पर थे।
वहीं परेश्वर तिवारी के पुत्र अभय शंकर तिवारी वर्तमान में वाराणसी के दुर्गाकुंड में रहते हैं। उन्होंने बताया कि उनके पिता जी अक्सर ही गोवा वार के किस्से सुनाया करते थे। बताया कि गोवा को मुक्त कराने में नेवी व एयरफोर्स ने अहम भूमिका निभाई थी। परेश्वर तिवारी उस समय लीडिंग सिग्नल मैन थे, जिसका कार्य यह संकेत देना था कि दुश्मन पर कब हमला करना है। इसके लिए दिशा-निर्देश अपने जवानों को कोडिंग में दिया जाता है। उसी के अनुसार जहाज का डायवर्जन किया जाता था।
वहीं दूसरी तरफ़ परमेश्वर तिवारी के दो दोस्त एक पश्चिम बंगाल व एक तमिलनाडु के शहीद हो गए थे। उनकी खोपड़ी उड़ गई थी। हालांकि परमेश्वर तिवारी बाल-बाल बच गए और गोवा की आजादी तक मोर्च पर डटे रहे। तिवारी का पूरा परिवार इस घटना को बताकर गर्व करता है। अभय शंकर तिवारी ने बताया कि उनके पिताजी को जो मेडल मिला था उसकी तीन साल पहले चोरी हो गई थी। इस मामले में थाने में एफआइआइ भी दर्ज कराया गया था, लेकिन वह मेडल बरामद नहीं हो सका है