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यूपी: प्रयागराज में माघ मेले से पहले मातृशक्ति का कुंभ की हो रहीं तैयारी।

यूपी: प्रयागराज में माघ मेले से पहले मातृशक्ति का कुंभ की हो रहीं तैयारी।


प्रयागराज। त्रिविधि ताप-पाप नाशिनी त्रिवेणी (संगम) के पवित्र जल में गोता लगाकर जन्म जन्मांतर के पापों से मुक्ति पाने को माघ मास में दुनियाभर से लाखों श्रद्धालु प्रयाग आते हैं। यह पहला मौका होगा जब प्रयाग की तपस्थली पर कुंभ जैसा वैभव नजर आएगा। माघ मेला से 23 दिन पहले परेड कुंभनगरी श्रद्धालुओं से गुलजार होगी। परेड ग्राउंड से लेकर संगम तट तक लाखों श्रद्धालु नजर आएंगे। जो माघ मेला से पहले संगम में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित करके लौटेंगे। खास बात है कि उसमें सिर्फ मातृशक्ति का वैभव नजर आएगा।

वहीं मकर संक्रांति स्नान पर्व 14 जनवरी से ज्ञान, वैराग्य, साधना व समर्पण का माघ मेला आरंभ होता। इसके पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 21 दिसंबर को स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को सम्मानित करेंगे। प्रदेशभर की 2,50,560 महिलाओं को सम्मानित होना है। सम्मानित होने वाली महिलाएं संगम स्नान करके लौटेंगी। परेड ग्राउंड में उसको लेकर युद्ध स्तर पर तैयारियां चल रही हैं। संगम तट से चंद दूरी पर प्रधानमंत्री से सम्मान लेना महिलाओं के लिए खास होगा। इसके साथ उन्हें संगम में डुबकी लगाने का सौभाग्य भी प्राप्त होगा। 

वहीं दूसरी तरफ़ अधिकतर महिलाएं इस अवसर को छोडऩा नहीं चाहती। उन्होंने सम्मान लेने से पहले व बाद में संगम में स्नान करने की इच्छा व्यक्त किया है। इसके लिए काफी महिलाएं तीर्थपुरोहितों व स्थानीय नागरिकों, समाजसेवियों से संपर्क स्थापित कर लिया है। खास बात यह है कि ग्रह-नक्षत्रों की जुगलबंदी से स्नान का पुण्य भी खास हो गया है। उन्हें माघ से पहले संगम स्नान का बेहतर पुण्य प्राप्त होगा।

वहीं ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी के अनुसार 21 दिसंबर को पौष कृष्णपक्ष की द्वितीया तिथि, पुनर्वसु नक्षत्र व ब्रह्म योग है। इसके अलावा धनु राशि में सूर्य, बुध व शुक्र का एक साथ संचरण होगा। धनु के स्वामी देवगुरु वृहस्पति हैं। सूर्य जगत के प्राण हैं। बुध बुद्धि का विस्तार व शुक्र मायावी विद्याओं के दाता हैं। उक्त योग पर संगम में डुबकी लगाना अत्यंत पुण्यकारी रहेगा। वहीं, 22 दिसंबर को भी त्रिग्रहीय योग का संयोग बनने से स्थिति पुण्यकारी है।