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यूपी: वाराणसी के पहले पशु शवदाह गृह का प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी कर सकते हैं शिलान्यास।

यूपी: वाराणसी के पहले पशु शवदाह गृह का प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी कर सकते हैं शिलान्यास।


वाराणसी। पीएम दिसम्बर माह के दूसरे दौरे यानी 23 को पशुओं के लिए पहला शवदाह गृह का शिलान्यास कर सकते हैं। प्रशासन इसे भी सूची में शामिल करने की तैयारी में है। बताया जा रहा है टेंडर की प्रक्रिया लगभग अंतिम दौर में है। वहीं पशु शवदाह गृह काशी पर खर्च होगा दो करोड़ 24 लाख रुपये। धनराशि की व्यवस्था जिला पंचायत की ओर से करने की बात है। पशु शवदाह गृह में लगने वाले सयंत्र की क्षमता 400 किलोग्राम प्रतिघंटा बताया जा रहा है। यानी एक घण्टे में यह चार सौ किलो ग्राम डिस्पोजल कर सकता है।

बता दें कि वहीं पशुओं की मौत होने पर जमीन में गड्ढा खोदकर गाड़ दिया जाता था लेकिन शहरीकरण की वजह से जमीनों पर धीरे धीरे बिल्डिंगें तनती जा रही हैं। लिहाजा जमीन मिल नहीं पा रही है। कुछ यही हाल ग्रामीण क्षेत्रों में भी हो गया है। अब पशुपालन व्यवसाय का स्वरूप ले लिया है। बहुतायत के पास जमीन नहीं है लेकिन वह पशुपालन कारोबार से जुड़े हैं। 

वहीं किसी वजह से पशु की मौत हो जाती है तो जमीन मालिक अपने खेत में पशुओं को गाडऩे की छूट नहीं देते हैं। लिहाजा लोग नदियों में, नदियों के किनारे या जंगल आदि में मृत पशुओं को फेंक देते हैं। इससे पर्यावरण को खासा नुकसान होता है।जिला प्रशासन की ओर से इसी बाबात यह निर्णय लिया गया है। शासन ने भी इस पर सहमति जता दी है।

वहीं दूसरी तरफ़ शासन के निर्देश के क्रम में छुट्टा पशुओं को पशुआश्रय स्थल में रखा जा रहा है। पशुओं को खाने पीने से लगायत चिकित्सा सुविधा तक के इंतजाम के निर्देश हैं। जिले में इस समय 113 पशुआश्रय स्थल में लगभग पांच हजार से अधिक पशुओं को रखा गया है। आए दिन संख्या बढ़ती जा रही है। निराश्रित पशुओं की मौत होने के बाद भी लोग अपनी जमीन में इसे गाडऩे से मनाही करते हैं।