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यूपी: वाराणसी में तीर्थंकर पार्श्वनाथ जीवन से मोक्ष तक की झांकियां की निकली शोभायात्रा। .

यूपी: वाराणसी में तीर्थंकर पार्श्वनाथ जीवन से मोक्ष तक की झांकियां की निकली शोभायात्रा। .


वाराणसी। जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ जी के 2897वें जन्म कल्याणक पर गुरुवार को शोभायात्रा निकाली गई। श्री दिगंबर जैन समाज काशी के तत्वावधान में दिगंबर जैन पंचायती मंदिर ग्वालदास सहुलेन से तीर्थंकर की भव्य शोभायात्रा प्रारंभ होकर सोरा कुआं, ठठेरी बाजार होते चौक पहुंची। इंद्र ने तीर्थंकर को एक रजत विशाल रथ के कमल सिंहासन पर विराजमान कराया। वहां उपस्थित समाज के लोगों ने भगवान की आरती उतारी।

वहीं पुनः राजशाही रथयात्रा निकली जिसमें पार्श्वनाथ भगवान के जीवन से मोक्ष तक की झांकियां शामिल थीं। जिस विशाल रथ पर भगवान विराजमान थे उसे भक्तगण खींचकर अपनी श्रद्धा-पुष्प अर्पित कर रहे थे।  इंद्रगण भगवान को चंवर डोला रहे थे। श्रद्धालु भक्तगण रास्ते भर आरती एवं पुष्प वर्षा कर रहे थे। आधा दर्जन बैंड पार्टियों द्वारा भक्ति धुन बिखेर कर माहौल धर्म मय बना रहे थे। 

वहीं दूसरी तरफ़ छोटे-छोटे बच्चे घोड़ों पर सवार थे।  शोभा यात्रा का मुख्य आकर्षण रजत की धूपगाड़ी नालकी, 108 चंवरों वाली गाड़ी, राजशाही साज-सज्जा वाला विशाल रजत हाथी सबका ध्यान अपनी ओर खींच कर आकर्षित कर रहा था। रथ यात्रा बांसफाटक , गोदौलिया होते हुए सोनारपुरा पहुंची। वहां भरतपुर राजस्थान से आई भजन मंडली द्वारा भजनों की प्रस्तुति की गई। रास्ते भर केसरिया परिधानों में सजी धजी महिलाओं द्वारा भजनों की प्रस्तुति एवं जयकारा लगाया जा रहा था। 

वहीं दूसरी तरफ़ शोभायात्रा में अहिंसा परमो धर्म का बैनर, जैन धर्म का बैनर, झंडी गाड़ी, झंडे ध्वज पताका भी लोग लेकर चल रहे थे। बीच बीच में जय-जय जिनेंद्र देवकी भवसागर नाव खेव की अहिंसा परमो धर्म की जय “ जियो और जीने दो “ का जयकारा भी लगा रहे थे। रास्ते में कई जगह लोगों ने शोभायात्रा का स्वागत भी किया। भेलूपुर जैन मंदिर पहुंचने पर शोभायात्रा का स्वागत एवं तीर्थंकर की आरती उतारी गई।

वहीं दूसरी तरफ़ मंदिर परिसर में भगवान के विग्रह को बड़े रथ से उतारकर भक्तों ने रजत नालकी पर विराजमान कर बधाई गीत मेरा अली आज बधाई गाईया, ढोलक, ताल, मजीरा, बाजे, नौबत शहनाइयां। सोहर बधाई के उपरांत भगवान को मंदिर जी में रजत पांडुक शिला में विराजमान कर 108 रजत कलशो से मस्तकाभिषेक एवं विशेष पूजन किया गया। 

बता दें कि वहीं शोभायात्रा का संयोजन रत्नेश जैन एवं राजेश भूषण जैन ने किया। आयोजन में प्रमुख रूप से समाज के अध्यक्ष दीपक जैन, प्रधानमंत्री अरुण जैन, उपाध्यक्ष राजेश जैन, आरसी जैन, संजय जैन, विनोद जैन, तरुण जैन, निशांत जैन, विशाल जैन, पवन जैन सहित विशिष्ट जन उपस्थित थे। सांयकाल भगवान का झूलनोत्सव, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं सामूहिक आरती का आयोजन किया गया। शोभायात्रा में भारी सुरक्षा बल तैनात थे।

बता दें कि वहीं पौष कृष्ण एकादशी गुरुवार को जैन धर्म के अष्टम तीर्थंकर 1008 भगवान चंद्रप्रभु का जन्म कल्याणक दिवस भगवान की जन्म भूमि चंद्रावती स्थित दिगंबर जैन तीर्थ क्षेत्र चंद्रपुरी में मनाया गया। सुबह आठ बजे भगवान का 108 कलश से जलाभिषेक जन्म अभिषेक किया गया। कोरोना महामारी के नाश और शांति हेतु वृहद शांति शांति धारा की गई। भगवान चंद्रप्रभु का विशेष पूजन-अर्चन किया गया। अन्य भुजाएं भी संपन्न हुईं। 

वहीं सायं काल सात बजे भव्य आरती व सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए। इस अवसर पर उत्तर प्रांतीय तीर्थ क्षेत्र कमेटी के मंत्री प्रशांत कुमार जैन ऑनलाइन जुड़े। प्रबंधक सुरेंद्र कुमार जैन, पंकज जैन, मक्खन लाल जैन, गजाधर लाल जैन, मोना जैन, बीना जैन, स्मृति जैन आदि ने धर्म लाभ लिया।