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यूपी: वाराणसी में रोपवे शहर में यातायात दबाव कम करने व पर्यटकों को सुविधा देने में प्रोजेक्ट रहेगा कारगर।
वाराणसी। वास्तव में काशी के पुराने इलाकों की सड़कें संकरी होने और ट्रैफिक का दबाव निरंतर बढऩे से अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है। इससे देश-विदेश के पर्यटकों के अलावा स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। प्रदूषण भी बढ़ता है। जनमानस की इन समस्याओं के समाधान को रोपवे आकार लेने जा रहा है। करीब 45 मीटर की ऊंचाई से रोपवे का ट्राली कार चलेगा। एक दिन में 80 हजार लोग यात्रा करेंगे।
वहीं परियोजना का क्रियान्वयन पीपीपी माडल पर कराया जाना है। इसकी लागत करीब 410 करोड़ है। इसमें 20 प्रतिशत वीजीएफ (वायबिल्टी गैप फंडिंग) केंद्र सरकार द्वारा तथा 20 प्रतिशत वीजीएफ (वायबिल्टी गैप फंडिंग ) राज्य सरकार तथा अवशेष 60 प्रतिशत कन्सेशनेयर द्वारा वहन किया जाएगा। भारत सरकार द्वारा अपने वीजीएफ के अंशदान पर अनुमोदन प्रदान किया जा चुका है। आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा पूर्व में पीपीपी गाइडलाइंस के अंतर्गत 21 अक्टूबर 2021 द्वारा पीपीपी बिड मूल्यांकन कमेटी गठित की गई है।
वहीं दूसरी तरफ़ इसकी संस्तुति के आलोक में वाराणसी में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के रूप में रोपवे केबल कार की पायलट परियोजना का पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप ( पीपीपी) माडल पर क्रियान्वयन के लिए तैयारी हुई है। 18 दिसंबर को निविदा खोली जाएगी। सबकुछ ठीक रहा तो किसी एक कंपनी को रोपवे निर्माण की जिम्मेदारी दी जाएगी। इसमें बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से शिलान्यास कराया जाएगा।
वहीं दूसरी तरफ़ निविदा प्रक्रिया 18 दिसंबर को पूरी हो गई तो पूरी उम्मीद है कि 23 दिसंबर को बनारस आ रहे पीएम मोदी रोपवे परियोजना निर्माण को हरी झंडी दिखाएं। 18 दिसंबर को रोपवे के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी करते हुए खोली जाएगी। इसमें दिए शर्तों की कसौटी पर उतरने वाली कंपनी को निर्माण की जिम्मेदारी दी जाएगी।