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यूपी: वाराणसी बीएचयू की छात्रा साक्षी सिंह बनीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य।

यूपी: वाराणसी बीएचयू की छात्रा साक्षी सिंह बनीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य।

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वाराणसी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का 67वां राष्ट्रीय अधिवेशन पिछले दिनों रानी दुर्गावती नगर, ऋषि जाबालि की तपोभूमि जबलपुर में सम्पन्न हुआ। इसमें स्वाधीनता के 75 वर्ष व 75वें वर्ष की यात्रा पर अभाविप विषय पर भाषण, स्वराज प्रदर्शनी, शहीद स्मारक, शोभा यात्रा खुला अधिवेशन जैसे अभूतपूर्व आयोजन किए गए। इस संबंध में परिषद के पदाधिकारियों ने बुधवार को शहर के एक होटल में प्रेसवार्ता की। 

वहीं दूसरी ओर अधिवेशन के समापन सत्र में अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्राध्यापक छगनभाई पटेल द्वारा संगठनात्मक घोषणाओं के क्रम में अभाविप काशी प्रान्त की प्रान्त मंत्री काशी हिंदू विश्वविद्यालय की विद्यार्थी साक्षी सिंह को राष्ट्रीय मंत्री, अमित सिंह को एग्रिविजन का राष्ट्रीय सह संयोजक एवं राहुल राणा, अभय प्रताप सिंह, डेज़ी, रमेश पटेल, अमित सिंह को राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य घोषित किया।

बता दें कि वहीं राष्ट्रीय मंत्री साक्षी सिंह ने कहा कि संस्कारधानी जबलपुर में पारित किए गए प्रस्ताव वर्तमान भारत के युवाओं के आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है जिसके माध्यम से विविध क्षेत्रों में सुधार की व्यापक संभावनों पर कार्य करते हुए देश को बेहतर दिशा देने का संकल्प स्पष्ट होता है। इन सभी प्रस्तावों के माध्यम से आये विषय राष्ट्र के पुनर्निर्माण की दिशा व दशा तय करते हैं।

वहीं दूसरी तरफ़ प्रेस वार्ता के दौरान राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अभय प्रताप सिंह, प्रान्त सहमंत्री शुभम सेठ, महानगर अध्यक्षा डा. उर्जस्विता सिंह व महानगर मंत्री राजन गुप्ता उपास्थित रहे। अधिवेशन का उद्घाटक नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी जी रहे। इस वर्ष का यशवंत राव केलकर युवा पुरस्कार से सृष्टि फाउंडेशन के संस्थापक कार्तिकेय गणेशयन जी को सम्मानित किया गया।

बता दें कि अधिवेशन के पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में जनजातीय समाज के समर्पण का सम्मान जनजातीय गौरव दिवस प्रस्ताव के माध्यम से भारत सरकार का अभिनंदन किया गया। इस अधिवेशन में अभाविप ने शिक्षा क्षेत्र तथा युवाओं से जुड़े विषय जैसे शिक्षा की पवित्रता की रक्षा हेतु शिक्षित समाज आगे आये,वर्तमान परिदृश्य, परिसर गतिविधियों में खेल बने प्राथमिकता, इन शीर्षकों से तीन विषयों पर प्रस्ताव पारित किए गए।इसके माध्यम से अभाविप की आगामी योजनाएं की चर्चा की गई। 

वहीं इन प्रस्तावों में अभाविप द्वारा शिक्षा, अर्थव्यवस्था, भारतीय संस्कृति, राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर विचार किया गया। अभाविप ने कोरोनकाल के दौरान शिक्षण संस्थानों में आई शिथिलता के कारण ऑनलाइन माध्यम के प्रभाव से बाहर निकलने, शिक्षण कार्य के अतिरिक्त फिजूल शुल्क लेने, आभासी कक्षाओं के माध्यम से बढ़ते अनियमितताओं, शिक्षा की गुणवत्ता, नैतिक पतन पर रोक,जनसंख्या नियंत्रण,धार्मिक तुष्टिकरण के फलस्वरूप हिंसा आदि विषयों पर चर्चा के उपरांत राष्ट्रव्यापी आंदोलन का निर्णय लिया है। 

वहीं प्रथम पारित प्रस्ताव के अंतर्गत शिक्षा के नैतिक पतन को रोकने हेतु शिक्षण संस्थान खोलने, विद्यार्थियों में रुचि हेतु खेल, सांस्कृतिक कार्यक्रम, व्यक्तित्व विकास हेतु सेमिनार जैसे कार्यक्रम के आयोजन हों। देश के उज्ज्वल भविष्य को ध्यान में रखकर सभी शिक्षाविदों से शिक्षा में नैतिक पतन रोकने व शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हेतु दायित्व निर्वहन का आग्रह किया गया। 

वहीं दूसरी तरफ़ दूसरे प्रस्ताव में वर्तमान परिदृश्य विषय रहा जिसमे भारतीय अर्थव्यवस्था के अंतर्गत आये विभिन्न सकारत्मक परिवर्तनों जैसे विश्वनाथ कॉरिडोर, केदारनाथ मंदिर पुनर्निर्माण, 150 करोड़ जनता का टीकाकरण, भारत मे रोजगार के अवसर,महिलाओं के विवाह की आयु 21 वर्ष करने, अग्नि प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण, जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा शिक्षण संस्थानों के नाम वीरगति प्राप्त सैनिकों के नाम पर रखने के निर्णय जैसी उपलब्धियों पर अभाविप ने स्वागत किया है। तृतीय प्रस्ताव में भगवान बिरसा मुंडा जी के जन्मजयंती को जनजाति गौरव दिवस घोषित करने के भारत सरकार के निर्णय का अभिनंदन किया है। 

बता दें कि वहीं चतुर्थ प्रस्ताव में परिसर गतिविधियों में खेल बने प्राथमिकता विषय के अंतर्गत अभाविप ने भारत द्वारा टोक्यो ओलिंपिक में 7 एवं पैराओलिंपिक में 19 कुल 26 पदक जीतने के सजरात्मक प्रयास के प्रति हर्ष व्यक्त करते हुए सरकार से खेल बजट बढ़ाने, सरकारी व निजी उद्योगों से सीएसआर का 5फीसद खेल को देने, योग व आत्मरक्षा गतिविधियों की अनिवार्यता, खेल शोधवृत्ति को बढ़ाने, खेल परिषद के गठन व स्थानीय खेलों के संवर्धन की मांग की है।