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यूपी: बागपत के सिनौली की खोदाई में निकालें कुछ प्राचीन दुर्लभ वस्तुएं।
बागपत। काठा गांव में मिले प्राचीन सिक्कों के बाद एक बार फिर सिनौली की याद आ गई है। सिनौली में उत्खनन के बाद अभी तक वह मिल चुका है, जो दुनिया भर में नहीं मिला है। एएसआइ सिनौली की भूमि से तलवार, रथ, ताबूत, कड़े, धनुष बाण, घोड़े आदि के पुरावशेष निकाल चुकी है एएसआइ का दावा है कि सिनौली के नीचे अभी भी बहुत कुछ दबा हुआ है यानी कितने ही रहस्य अभी बाहर आने बाकी है।
वहीं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग एएसआइ ने सिनौली में सबसे पहली बार वर्ष 2005 में उत्खनन किया था। उस वक्त खोदाई में लगभग 106 मानव कंकाल निकाले थे, जो कार्बन डेटिंग में तीन हजार वर्ष से भी पुराने बताए गए। इसी गांव में खोदाई स्थल से चंद कदम दूरी पर दूसरे चरण में वर्ष 2017 और तीसरे चरण में वर्ष 2019 में हुई खोदाई में एक से बढ़कर एक प्राचीन वस्तुएं निकलीं। उसी समय से सिनौली को महाभारत काल से जोड़कर देखे जाने लगा।
वहीं दूसरी तरफ एमएम कालेज, मोदीनगर में इतिहास के एसोसिएट प्रोफेसर डाक्टर के के शर्मा का कहना है कि सिनौली गांव से शाही कब्रगाहों के साथ ही हथियार, विलासिता की सामग्री, पशु-पक्षियों के कंकाल और तीन रथ आदि मिल चुके हैं। खास बात यह थी कि ताबूत भारतीय उपमहाद्वीप के लिए नई खोज थी, जो चार हजार साल पुरानी उन्नत संस्कृति को दर्शाते हैं। उधर, एएसआइ ने सिनौली गांव में 40 किसानों की 28 हेक्टेयर भूमि को राष्ट्रीय स्मारक का क्षेत्र घोषित कर रखा है।