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यूपी: वाराणसी में मासूमों के साथ दुष्कर्म के प्रयास में विशेष न्यायाधीश की कोर्ट ने दो अभियुक्तों को सुनाई सजा।
वाराणसी। मासूमों के साथ दुष्कर्म का प्रयास करने के अलग-अलग मामलों में शुक्रवार को अदालत ने अभियुक्त बिहारी उर्फ चतुर साव व राजू वर्मा को दोषी करार देते हुए दोनों को दंडित किया। विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) शैलेन्द्र सिंह की अदालत ने रामनगर थाना क्षेत्र के सूजाबाद निवासी अभियुक्त बिहारी उर्फ चतुर साव को दस साल के सश्रम कारावास व 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
वहीं जुर्माना न देने पर उसे एक वर्ष अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। दूसरे मामले में विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) राजेंद्र प्रसाद त्रिपाठी की अदालत ने लंका थानान्तर्गत शिवाजीनगर कालोनी, मदरवा निवासी राजू वर्मा को सात वर्ष के सश्रम कारावास व दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने अभियुक्त से जुर्माना वसूले जाने पर बतौर क्षतिपूर्ति पीड़िता को आठ हजार देने का आदेश दिया है।
वहीं दूसरी तरफ़ जुर्माना न देने पर राजू वर्मा को भी एक वर्ष अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक द्वय संदीप कुमार जायसवाल व मधुकर उपाध्याय ने पैरवी की। वहीं अभियोजन के अनुसार 25 सितंबर 2019 को 52 वर्षीय अभियुक्त बिहारी ने चाकलेट देने के बहाने कमरे में ले जाकर नौ वर्षीय मासूम के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया।
बता दें कि वहीं घटना के वक्त मासूम के परिजन घर पर नहीं थे और वह दूसरे बच्चों के साथ खेल रही थी। घटना की जानकारी मिलने पर पीड़िता के पिता ने अभियुक्त के खिलाफ उसी दिन मुकदमा दर्ज कराया था। ऐसे ही घर के बगल में खेल रही साढ़े चार वर्षीय मासूम को एक चबूतरे पर बैठाकर राजू वर्मा उसके साथ गलत हरकत कर रहा था। पीड़ा होने पर जब मासूम चिल्लाने लगी तो उसके परिजन वहां आ गए और राजू वर्मा को पकड़ लिए। बाद में उसे पुलिस के हवाले कर दिया।