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यूपी: वाराणसी रोडवेज में बिना टिकट सवारी अब पड़ेगी बहुत भारी, किराए से दस गुना ज्यादा लगेगा जुर्माना।

यूपी: वाराणसी रोडवेज में बिना टिकट सवारी अब पड़ेगी बहुत भारी, किराए से दस गुना ज्यादा लगेगा जुर्माना।


वाराणसी। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने बसों में बिना टिकट डब्ल्यूटी की शिकायतों पर अंकुश लगाने के लिए नया पैंतरा अपनाया है। खास यह है कि रोडवेज की गाड़ियों में बिना टिकट सफर करने वालों के खिलाफ़ जुर्माना लगाया जाएगा। पांच सौ रुपये अथवा किराए का दस गुना ज्यादा पैसा उन्हे चुकाना पड़ सकता है। 

वहीं अब तक रोडवेज की बसों में डब्ल्यूटी के मामलों में परिचालक पर ही कार्रवाई होती थी। बस स्टॉप के बीच दूरी कम होने से कई यात्री बिना टिकट ही यात्रा करते थे। अगर चेकिंग में कोई यात्री बिना टिकट मिलता था तो इसकी गाज पर परिचालक पर ही गिरती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब अगर चेकिंग के दौरान कोई बिना टिकट पकड़ा गया, तो उससे बस के रूट का पूरा किराया वसूला जाएगा।

वहीं दूसरी तरफ बसों में अब तक परिचालक को ही यात्रियों की लापरवाही को भुगतना होता था। इसके लिए कई बार परिचालक ने मांग भी की थी। अब नए नियम के मुताबिक बस में यात्री बिना टिकट पाया गया तो उसपर जुर्माना लगाकर उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। रोडवेज अधिकारियों का कहना है कि बसों को घाटे से उबारने के लिए यह कवायद की जा रही है। दिल्ली, राजस्थान समेत देश के महानगरों में यह व्यवस्था पहले से ही लागू है।

बता दें कि अमूमन डब्ल्यूटी के मामलों में परिचालक की जिम्मेदारी तय होती रही है, लेकिन उन्हें नए नियमों में राहत के बीच जवाब भी देना होगा। कुछ बसों में अधिकांश यात्री पांच से सात किमी का ही सफर करते हैं। यह सफर कुछ ही मिनट में पूरा हो जाता है। इसलिए भीड़ होने पर जब तक ऐसे यात्रियों के पास टिकट काटने के लिए पहुंचते हैं, यात्री बिना टिकट लिए ही उतर जाते हैं। 

वहीं उच्चाधिकारियों के अनुसार परिचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सीट पर बैठे रहकर ही टिकट ना बनाएं। बल्कि यात्रियों के पास जाकर टिकट बनाएं। लेकिन फिर भी अगर कोई बिना टिकट पाया गाया तो उनपर कार्रवाई की जाएगी। वहीं केके तिवारी क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया कि डब्ल्यूटी के मामलों में यात्री की भी जवाबदेही तय होगी। यदि आरोप तय होता है तो उन्हें जुर्माना चुकाना पड़ेगा।