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यूपी: वाराणसी काशी हिंदू विश्वविद्यालय अब हिंदी में ही करेगा पत्राचार, बेबसाइट पर आंकड़े द्विभाषी रूप में अपलोड किए जाएंगे।

यूपी: वाराणसी काशी हिंदू विश्वविद्यालय अब हिंदी में ही करेगा पत्राचार, बेबसाइट पर आंकड़े द्विभाषी रूप में अपलोड किए जाएंगे।

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वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय अब अपने सारे पत्राचार हिंदी में ही करेगा। कार्यालयी कामकाज में टिप्पण आलेखन हिंदी में करने के लिए प्रोत्साहन योजना लागू की जाएगी। राजभाषा द्वारा विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप हिंदी पुस्तकों की खरीद की जाएगी। वहीं वेबसाइट पर जब आंकड़े डाउनलोड किए जाएंगे तब वे द्विभाषी रूप में होंगे। इस आशय का निर्णय शुक्रवार को केंद्रीय कार्यालय के कक्ष संख्या एक में हुई राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक में लिए गए। कार्यवाहक कुलपति प्रो. वीके शुक्ल ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में इस बात के निर्देश भी दिए।

वहीं दूसरी तरफ़ हिंदी अधिकारी डा. विचित्रसेन गुप्त के स्वागत भाषण के बाद कार्यालयी कामकाज में हिंदी का लक्ष्यानुरूप उपयोग सुनिश्चित करने के लिए विस्तार पूर्वक चर्चा की गई और आवश्यक निर्णय लिए गए। इस दौरान हिंदी तिमाही प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा की गई और लक्ष्यानुरूप पत्राचार के लिए अनुरोध किया गया। 

वहीं राजभाषा अधिनियम, 1963 की धारा 3 (3) के अंतर्गत जारी किए जाने वाले कागजातों को अनिवार्य रूप से द्विभाषी में जारी किए जाने पर चर्चा हुई तो मूल पत्राचार तथा टिप्पण लेखन हिंदी में ही करने पर बल दिया गया। निर्णय लिया गया कि विभागीय राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक के संबंध में गृह मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशों तथा राजभाषा संबंधी जांच बिंदुओं का गंभीरतापूर्वक पालन सुनिश्चित किया जाएगा। प्रगति पत्रिका का प्रकाशन कराया जाएगा।

वहीं दूसरी ओर बैठक में विशेष रूप से कुलसचिव डा. नीरज त्रिपाठी, विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. अनिल त्रिपाठी, पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थान के निदेशक प्रो. एके रघुवंशी, कृषि विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. रमेशचंद, राजीव गांधी दक्षिणी परिसर के आचार्य प्रभारी प्रो. विनोद कुमार मिश्र, महिला महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. इनु मेहता, वित्ताधिकारी अभय कुमार ठाकुर, पुस्तकालयाध्यक्ष डीके सिंह, सूचना एवं जन संपर्क अधिकारी डा. राजेश सिंह एवं विश्वविद्यालय के संयुक्त कुलसचिव, उपकुलसचिव आदि उपस्थित थे।

वहीं दूसरी तरफ़ महात्मा गांधी विद्यापीठ की शोध प्रवेश परीक्षा उत्तर कुंजी गुरुवार को वेबसाइट पर अपलोड कर दी है। वहीं परीक्षार्थियों को आपत्ति दर्ज कराने के लिए दो-जनवरी 22 तक का मौका दिया गया है। कुलसचिव डा. सुनीता पांडेय ने बताया कि निर्धारित अवधि में परीक्षार्थी मेल के माध्यम से आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। 

वहीं प्रवेश परीक्षा का परिणाम आपत्तियों के निस्तारण के बाद जारी किया जाएगा। विश्वविद्यालय इससे संबद्ध कालेजों के 32 पाठ्यक्रमों में करीब 650 सीटें के लिए विद्यापीठ ने 19 दिसंबर को शोध प्रवेश परीक्षा कराई गई थी। परीक्षा में 697 परीक्षार्थी शामिल हुए थे।

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