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यूपी: अयोध्या में मंदिर निर्माण के साथ दर्शनार्थियों की सुविधा और सुरक्षा पर बल, ट्रस्ट की बैठक में अहम मुद्दों पर हुई चर्चा। i
लखनऊ। रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की प्रक्रिया आगे बढऩे के साथ रामलला के दर्शनार्थियों की सुविधा और सुरक्षा का ध्यान रखा जाएगा। सर्किट हाउस में हुई राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक के दौरान मंदिर निर्माण की प्रगति की समीक्षा किए जाने के साथ दर्शनार्थियों की सुविधा पर भी गौर किया गया।
वहीं बैठक से पूर्व राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय, ट्रस्ट के सदस्य एवं अयोध्या राजपरिवार के मुखिया बिमलेंद्रमोहन मिश्र, अन्य सदस्य डा.अनिल मिश्र आदि ने मंडलायुक्त एमपी अग्रवाल, जिलाधिकारी नितीश कुमार एवं प्रशासनिक अमले के साथ रामजन्मभूमि परिसर सहित परिसर से जुड़ते विभिन्न मार्गों का निरीक्षण किया।
वहीं इस दौरान यह परखा गया कि निकट भविष्य में जब रामलला के दर्शनार्थियों की संख्या लाखों में होगी, तब मार्ग, पार्किंग, बुनियादी सुविधाओं की कैसी व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। बैठक में रामजन्मभूमि परिसर को दुश्मन के हमले या दुर्घटना से बचाने के लिए अग्नि शमन से जुड़े विशेषज्ञ भी मौजूद रहे।
वहीं दूसरी तरफ बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने बताया कि रामलला का दर्शन करने बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे, तो उनके वाहन की पार्किंग कहां होगी, किस मार्ग पर श्रद्धालुओं का अधिक दबाव होगा और किस मार्ग को डबल लेन अथवा फोरलेन के रूप में विकसित किए जाने की जरूरत है।
वहीं परिसर में यदि प्रतिदिन पांच लाख लीटर पानी की जरूरत है, तो वह कहां से आएगा, विद्युत आपूर्ति की क्या व्यवस्था होगी आदि व्यवस्था पर स्थलीय निरीक्षण किए जाने के साथ बैठक में मंथन किया गया। इस बीच परिसर में वाटर एवं सीवर ट्रीटमेंट प्लांट पर भी विचार किया गया। चंपतराय ने मार्ग चौड़ीकरण से विस्थापित होने वाले व्यापारियों को विकल्प देने की भी बात कही।
वहीं चंपतराय सहित ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र ने दोहराया कि दिसंबर 2023 से स्थायी गर्भगृह में रामलला का दर्शन सुनिश्चित होगा। इसका आशय यह है कि तय समय के अनुरूप तब तक मंदिर निर्माण पूर्ण होगा। राम मंदिर की नींव की ऊपरी सतह पर ढाली जा रही राफ्ट का काम दिसंबर के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद प्लिंथ यानी नींव के ऊपर आधारभूमि का निर्माण होगा।
वहीं मंदिर निर्माण समिति के प्रतिनिधियों एवं अन्य विशेषज्ञों ने पाया कि रामजन्मभूमि परिसर तक पहुंचने के लिए लखनऊ गोरखपुर बाइपास से महोबरा चौराहा से गुजरने वाला मार्ग सर्वाधिक प्रभावी होगा। प्रस्तावित श्रीराम एयरपोर्ट से निकलकर भी यात्री इसी मार्ग से होकर अयोध्या में प्रवेश करना उचित समझेंगे और इस उपयोगिता को ध्यान में रखकर महोबरा मार्ग को विकसित भी किए जाने की योजना है।