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यूपी: गोरखपुर एम्स खुलने से अब हो सकेगी गंभीर मर्ज रोगों की जांच व तकनीक इलाज।
गोरखपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स पूर्वांचल के लिए वरदान साबित होगा। जिला अस्पताल व बीआरडी मेडिकल कालेज पर मरीजों का भार थोड़ा कम होगा, वहीं गंभीर मरीजों को अब दिल्ली, लखनऊ या मुंबई के लिए रेफर नहीं करना पड़ेगा। गंभीर मर्ज की यहीं जांच व इलाज हो सकेगा। रेफर करने से दूसरे शहरों में जाकर मरीज परेशान होते हैं। समय से इलाज न मिल पाने से अनेक की मौत हो जाती है। यहां एम्स खुलने से पूर्वांचल ही नहीं, बिहार व नेपाल के मरीजों को भी बड़ी राहत मिलेगी।
वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन आइएमए के अध्यक्ष डा. शिवशंकर शाही व सचिव डा. वीएन अग्रवाल का। उन्होंने एम्स खुलने पर खुशी जाहिर की और कहा कि अनेक जांचें ऐसी हैं जिनके लिए मरीज को लखनऊ भेजना होता है। खासकर कैंसर की पीईटी जांच। इस जांच से पूरे शरीर में कहीं भी कैंसर हो, पता चल जाता है। इसके अलावा कैंसर के अनेक मरीज मुंबई के टाटा मेमोरियल में इलाज के लिए जाते हैं।
बता दें कि वहां एक माह बाद दिखाने का समय मिलता है। ऐसे में यदि मरीज गंभीर है तो बीमारी और गंभीर हो जाती है या उसकी मौत हो जाती है। एम्स खुल जाने से ऐसे मरीजों की जांच व इलाज यहीं हो सकेगा। उन्हें दूसरे शहरों में नहीं जाना पड़ेगा। इससे मौत की आशंका कम हो जाएगी। कम खर्च में यहां बेहतर इलाज मिल सकेगा।
वहीं दूसरी तरफ़ आइएमए के अध्यक्ष डा. शिवशंकर शाही ने कहा कि एम्स खुलने का सीधा फायदा आम आदमी को मिलेगा। प्रधानमंत्री ने पूर्वांचल को एम्स के रूप में बड़ी सौगात दी है। अब गंभीर रोगों का भी इलाज यहां कम खर्च में हो सकेगा।
वहीं आइएमए सचिव डा. बीएन अग्रवाल ने बताया कि एम्स को रेफरल सेंटर बनाया जाना चाहिए। यदि वहां सामान्य मरीजों की भीड़ होगी तो गंभीर मरीजों के सामने दिक्कत खड़ी होगी। इसलिए वहां गंभीर मरीजों का ही इलाज होना चाहिए।