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उत्तराखंड: देहरादून रायवाला में पर्यटकों को नहीं लुभा पाई राजाजी की मोतीचूर रेंज।

उत्तराखंड: देहरादून रायवाला में पर्यटकों को नहीं लुभा पाई राजाजी की मोतीचूर रेंज।


उत्तराखंड। देहरादून रायवाला में जंगल सफारी के लिए मशहूर राजाजी टाइगर रिजर्व की मोतीचूर रेंज इस बार पर्यटकों को नहीं लुभा पाई। हर बार पर्यटकों की चहल-पहल से गुलजार रहने वाली मोतीचूर रेंज इन दिनों उनकी राह ताक रही है। स्थिति यह है कि पार्क खुलने के डेढ़ महीने बाद भी यहां आए पर्यटकों की संख्या महज 240 तक पहुंच सकी है। बीते माह 15 नवंबर को राजाजी पार्क की मोतीचूर रेंज के गेट पर्यटकों के लिए खोले गए थे तब से लेकर अब तक रेंज में 204 वयस्क नागरिक, 20 बच्चे, आठ वरिष्ठ नागरिक व आठ विद्यार्थी जंगल सफारी को पहुंचे। इनसे पार्क को 60300 रुपये की आमदनी हुई।

वहीं जबकि बीते वर्ष इसी अवधि में पर्यटकों की संख्या व आमदनी इसके मुकाबले दो गुनी थी। वहीं चीला रेंज में 1315 भारतीय वयस्क नागरिक, 91 वरिष्ठ नागरिक, तीन विदेशी मेहमान व 37 विद्यार्थी आए, जिनसे 3,06,900 रुपये की आमदनी हुई। वहीं दरअसल हरिद्वार-देहरादून राजमार्ग के चौड़ीकरण के बाद मोतीचूर के पास फ्लाईओवर व हाथी अंडरपास बन गया है। 

वहीं दूसरी तरफ़ सभी वाहन फ्लाईओवर से निकल जाते हैं। जिससे मोतीचूर का गेट पर्यटकों को नजरों से दूर हो गया है। वहीं अब मोतीचूर गेट तक पहुंचने के लिए कोई सुगम मार्ग भी नहीं है। पर्यटक किसी प्रकार गेट ढूंढते हुए यहां तक पहुंच पाते हैं। मोतीचूर के रेंज अधिकारी महेंद्र गिरि गोस्वामी ने बताया कि फ्लाईओवर की वजह से मोतीचूर गेट पर टूरिस्ट नहीं आ पा रहे हैं। गेट को शिफ्ट करना होगा, तभी इसका लाभ मिल पाएगा। प्रस्ताव अधिकारियों को भेजा गया है।

बता दें कि अगर फ्लाई ओवर समाप्त होते ही खांडगांव के समीप पुरानी सड़क पर पर्यटक गेट बनाया जाए और वहां पर सूचना पट लगाए जाएं तो इससे पर्यटकों को मोतीचूर के बारे में जानकारी हो सकेगी। हालांकि बीते अक्टूबर के सत्यनारायण मंदिर के पास नया गेट खोला था, लेकिन बाद में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के निर्देश पर इसे बंद कर दिया गया।

वहीं मोतीचूर पर्यटक जोन तो है, लेकिन यहां पर कैंटीन व शौचालय जैसी मूलभूत जरूरतों का अभाव है। पर्यटकों के लिए प्रतीक्षालय व फारेस्ट बंगले में भोजन की सुविधा भी नहीं है। जिसके चलते पर्यटक यहां आना पसंद नहीं कर रहे हैं।

वहीं दूसरी तरफ़ वन्यजीवों और प्राकृतिक खूबसूरती के लिए मशहूर राजाजी टाइगर रिजर्व में हर साल लाखों पर्यटक जंगल सफारी का लुत्फ लेने आते हैं। एशियाई हाथी यहां का सबसे बड़ा आकर्षण है। हाथियों के इस पसंदीदा आशियाने में अब बाघों का कुनबा भी तेजी से बढ़ रहा है। बीते वर्ष मोतीचूर में कार्बेट से दो बाघ शिफ्ट किए गए। यह बाघ अब सैलानियों को भी आसानी से दिख जाते हैं।