Covid-19
भुवनेश्वर: ओडिशा में कोरोना संक्रमण के 11,177 नए मामले, 18 साल से कम आयु के 1016 बच्चे शामिल।
भुवनेश्वर। ओडिशा में आज दैनिक कोरोना संक्रमण मामला 11000 के पार पहुंच गया। प्रदेश में आज कुल 11177 नए संक्रमित मरीज की पहचान हुई है। इसमें 18 साल से कम आयु वर्ग के 1016 बच्चे शामिल हैं।राज्य सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक हर दिन की तरह आज भी प्रदेश के खुर्दा जिले में सर्वाधिक 3424 ताजा संक्रमण के मामले सामने आए हैं जबकि सुंदरगढ़ जिले में 2136 और कटक 829 नए मरीज की पहचान हुई है। इसके साथ, राज्य में सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 69763 हो गई है।
वहीं अनुगुल जिले से 132, बालेश्वर जिले से 342, बरगढ़ जिले से 123, भद्रक से 92, बलांगीर से 312, बौद्ध से 71, कटक से 829, देवगढ़ से 25, ढेंकनाल से 65, गजपति से 73, गंजम से 108, जगतसिंहपुर से 164, जाजपुर से 179, झारसुगुड़ा से 193, कालाहांडी से 173, 16. कंधमाल: 47 केंद्रपाड़ा से 71, केंदुझर से 69, खुर्दा से 3424, कोरापुट से 152, मलकानगिरी से 49, मयूरभंज से 276, नवरंगपुर से 155, नयागढ़ से 159, नुआपाड़ा से 79, पुरी से, 141, रायगड़ा से 184, संबलपुर से 379, सोनपुर से 238 सुंदरगढ़ 213,. राज्य पूल से 737 लोग संक्रमित हुए हैं।
वहीं दूसरी तरफ़ राज्य में कोरोना की तीसरी लहर शुरू हो गई है और पूर्व अनुमान के मुताबिक संक्रमण काफी तेजी से बढ़ रहा है। सक्रिय मामलों की संख्या भी 50 हजार को पार कर गई है। हालांकि इसे लेकर किसी को भयभीत होने की जरूत नहीं है, यह कहना है राज्य जनस्वास्थ्य निदेशक निरंजन मिश्र का।
वहीं जनस्वास्थ्य निदेशक ने कहा है कि तीसरी लहर में राज्य में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या कम है। ऐसे में संक्रमित मरीज के संपर्क में आने के बाद भी लक्षण ना हो तो टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। इसे लेकर जिलों को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सूचित कर दिए जाने की जानकारी जनस्वास्थ्य निदेशक ने दी है।
वहीं स्वास्थ्य निदेशक ने कहा है कि वायरल फ्लू के लिए एंटीबायोटिक की जरूरत नहीं है। जिन लोगों के पास लक्षण नहीं है, उन्हें कोई मेडिसीन नहीं दी जा रही है। लक्षण होने पर ही दवा दी जा रही है। आवश्यक तौर पर अपनी मर्जी से दवा का प्रयोग ना करने के लिए जनस्वास्थ्य निदेशक ने सलाह दिया है।
वहीं दूसरी तरफ़ स्वास्थ्य निदेशक ने कहा है कि कोरोना संक्रमित मरीज की संगरोध अवधि खत्म होने के बाद आरटीपीसीआर की आवश्यकता नहीं है। केवल जो लोग आईसीयू में भर्ती हैं या गम्भीर रूप से बीमार लोगों को स्वस्थ होने के बाद पुन: टेस्ट किया जा रहा है।