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हरियाणा: हिसार में 135 चिकित्सक हड़ताल के कारण सीएमओ-पीएमओ ने संभाली ओपीडी।

हरियाणा: हिसार में 135 चिकित्सक हड़ताल के कारण सीएमओ-पीएमओ ने संभाली ओपीडी।


हरियाणा। हिसार में सिविल अस्पताल में मंगलवार को सीएमओ कार्यालय के सामने रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने सहित चार मांगें पूरी न होने पर जिले भर के 135 सरकारी चिकित्सक हड़ताल पर रहे। इस दौरान चिकित्सकों ने एकत्रित होकर सीएमओ को ज्ञापन सौंपा और सुबह 8.30 बजे से लेकर दोपहर तीन बजे तक मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन किया। 

वहीं चिकित्सकों के हड़ताल पर होने के कारण पीएमओ और सीएमओ खुद ओपीडी संभालते नजर आए। पीएमओ डा. गोविद गुप्ता ने फिजिशियन डाक्टरों के केबिन में बैठकर मरीजों की जांच तो सीएमओ डा. रत्नाभारती खुद गायनी वार्ड में गर्भवती महिलाओं की जांच करती नजर आई।

वहीं यह चिकित्सक प्रदेश के अन्य चिकित्सकों के साथ मिलकर पहले भी हड़ताल कर चुके हैं। अंबाला में हड़ताल के दौरान हेल्थ मिनिस्टर ने 31 दिसंबर तक मांगें पूरा करने का समय मांगा था, लेकिन दस दिन का समय बीतने के बाद मांगू पूरी नहीं हुई तो चिकित्सकों ने हड़ताल करने का फैसला किया।

वहीं दूसरी तरफ़ पीएमओ डा. गोविद गुप्ता सुबह साढ़े आठ बजे ओपीडी में बैठे थे, वहां उन्होंने करीब 50 मरीजों की जांच की। वहीं सीएमओ ने भी करीब 30 गर्भवती महिलाओं की जांच की। हड़ताल में सिर्फ ओपीडी सेवाएं डाक्टरों ने बाधित की थी, लेकिन पीएमओ ने खुद और अन्य चिकित्सकों को बुलाकर मरीजों का चेकअप करवाया

वहीं हड़ताल के दौरान नेत्र विभाग की ओपीडी को छोड़कर सभी ओपीडी चालू रखी गई। इस दौरान पीएमओ ने टीबी अस्पताल और सीएचसी-पीएचसी के डाक्टरों को बुलाकर मरीजों का चेकअप करवाया। हालांकि सारे प्रयासों के बावजूद मंगलवार को सोमवार के मुकाबले 400 मरीज कम जांचे गए।

वहीं दूसरी तरफ़ धरने पर बैठे डाक्टरों में मेडिकल आफिसर, सीनियर मेडिकल आफिसर, सर्जन और सीएचसी-पीएचसी के चिकित्सक शामिल रहे। इनमें सिविल अस्पताल में कार्यरत कुल 48 में से 30 डाक्टर हड़ताल पर रहे। हड़ताल में बैठे चिकित्सकों ने प्रशासन से उनकी मांगों को दो दिन में पूरा करने का अल्टीमेटम दिया है। दो दिन में उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो वे 14 जनवरी को पूरा दिन हड़ताल करके सभी स्वास्थ्य सेवाएं बाधित रखेंगे। इनमें इमरजेंसी और पोस्टमार्टम सेवाएं भी बाधित करने का ऐलान किया गया है।

बता दें कि वहीं पहली मांग वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों का सीधे तौर पर भर्ती न होना। यह मांग इसलिए की गई है कि अनुभव के आधार पर प्रमोशन मिलने में चिकित्सकों को बाधा आती है।

वहीं दूसरी मांग स्पेशलिस्ट कैडर बनाना। स्पेशलिस्ट यानि विशेषज्ञ चिकित्सकों का कैडर बना देना, जिससे उन्हें पोस्टमार्टम, इमरजेंसी या किसी अन्य डयूटी न करके, जिस कार्य में वे निपुण है उसी में उनसे डयूटी करवाई जाए।

वहीं तीसरी मांग पीजी पालिसी लागू करवाना, पीजी पालिसी लागू करने से एमबीबीएस चिकित्सक जो सरकारी अस्पतालों में कार्यरत है। नीट में 40 प्रतिशत सरकारी डाक्टरों की रिजर्वेशन की मांग की है।

वहीं चौथी मांग प्रधानमंत्री द्वारा की गई घोषणा को लागू करते हुए रिटायरमेंट की उम्र 65 साल तक की जाए जो अभी तक 58 साल की उम्र तक है।

वहीं दूसरी तरफ़ हड़ताल के कारण सिविल अस्पताल में मंगलवार को एक भी आपरेशन नहीं हुआ। बरवाला से एक जिले सिंह नाम का 65 वर्षीय बुजुर्ग मंगलवा को पेट में पानी भरने की समस्या के कारण आपरेशन करवाने आया था, लेकिन हड़ताल के चलते आपरेशन नहीं किया गया, बाद में एक अन्य चिकित्सक ने उसे तीन दिन की दवा देकर बाद में आने के लिए कहा।