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यूपी: चंदौली में भुगतान में नेफेड हुआ फिसड्डी, किसानों का 16 करोड़ रूपए भी हैं बकाया।

यूपी: चंदौली में भुगतान में नेफेड हुआ फिसड्डी, किसानों का 16 करोड़ रूपए भी हैं बकाया।

                            Kiran Yadav City Reporter

चंदौली। किसानों से धान खरीदने के बाद भुगतान में क्रय एजेंसी नेफेड सबसे फिसड्डी है। क्रय एजेंसी पर 967 किसानों का 16 करोड़ रुपये बकाया है। इस पर डीएम संजीव सिंह ने एजेंसी के एमडी को पत्र लिखकर जल्द भुगतान कराने को कहा है। यदि शीघ्र किसानों के खाते में पैसा नहीं पहुंचा तो एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी। जिले में धान खरीद के लिए विपणन शाखा, एफसीआइ, पीसीएफ, नेफेड व यूपीसीयू क्रय एजेंसी लगी हुई है। 

वहीं क्रय एजेंसियों के कुल 106 क्रय केंद्र संचालित हैं। जिले में 2.34 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य तय है। इसके सापेक्ष अब तक 1.45 लाख टन अनाज खरीदा गया है। धान खरीद के बाद विपणन शाखा, एफसीआइ व पीसीएफ किसानों को भुगतान कर रही है, लेकिन नेफेड व पीसीयू की हालत खराब है। नेफेड सबसे फिसड्डी है। क्रय एजेंसी पर 967 किसानों का 16 करोड़ रुपये बकाया है। अब तक मात्र 10 फीसद किसानों का ही भुगतान किया गया। 

वहीं काश्तकार भुगतान के लिए चक्कर काट रहे हैं। इसकी शिकायत जिलाधिकारी तक पहुंची, तो उन्होंने क्रय एजेंसी के एमडी के पत्र लिखकर तत्काल किसानों के बकाए के भुगतान का निर्देश दिया है। यदि तत्काल किसानों के खाते में नहीं पहुंची, तो एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति करते हुए शासन को पत्र भेजा जाएगा। कमोवेश यही स्थिति यूपीसीयू की है। क्रय एजेंसी पर 60 फीसद किसानों का भुगतान बकाया है। एजेंसी ने अभी तक मात्र 40 फीसद किसानों का ही भुगतान किया है। क्रय एजेंसियों के भुगतान की स्थिति

बता दें कि विपणन शाखा ने 76 फीसद किसानों का भुगतान किया है। इसी तरह एफसीआइ ने 90 प्रतिशत, पीसीएफ 67 फीसद भुगतान किया है। वहीं यूपीसीयू ने 40 फीसद तो नेफेड ने सबसे कम 10 फीसद भुगतान किया है। अब तक किसानों से कुल 277 करोड़ रुपये का धान खरीदा गया है। 140 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है। शेष धनराशि बकाया है। 

वहीं नेफेड के भुगतान की स्थिति खराब है। इसको लेकर जिलाधिकारी ने एजेंसी के एमडी को पत्र भेजकर जल्द भुगतान कराने का निर्देश दिया है। यदि किसानों को पैसा नहीं मिला तो एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजा जाएगा। धान खरीद की प्रक्रिया सुचारू रूप से संचालित की जा रही है।