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हरियाणा: फ़रीदाबाद में कोरोना को बढ़ते देख उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि 25 से 44 और 45 से 60 वर्ष के लोगों में तेजी से फैल रहा संक्रमण।

हरियाणा: फ़रीदाबाद में कोरोना को बढ़ते देख उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि 25 से 44 और 45 से 60 वर्ष के लोगों में तेजी से फैल रहा संक्रमण।


हरियाणा। फरीदाबाद जिले में कोरोना संक्रमण युवाओं को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है। विभाग ने 25 दिसंबर से नौ जनवरी के कोरोना केसों के आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार की है। इसमें 25 से 44 वर्ष तक के युवा सबसे अधिक कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं। इसके चलते इस आयुवर्ग के लोगों को अपना विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। उन्हें संक्रमण से बचाव के लिए हर संभव कदम उठाने होंगे।

बता दें कि 25 दिसंबर से कोरोना के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण के प्रभाव को जानने के लिए रिपोर्ट तैयार करवाई है। इस रिपोर्ट में 25 से 44 वर्ष तक के 47.7 प्रतिशत कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इसके बाद 45 से 60 वर्ष के आयुवर्ग में संक्रमण का खतरा है। इस वर्ग में 21.5 प्रतिशत लोग संक्रमित हुए हैं, जबकि 60 एवं उससे अधिक आयुवर्ग में महज 8.1 प्रतिशत बुजुर्ग ही पाजिटिव हो रहे हैं। 

वहीं दूसरी लहर में सुरक्षित रहने वाले बच्चे भी अब संक्रमण में चपेट में आ रहे हैं। 0 से 17 वर्ष तक के आयुवर्ग में 11.2 और 18 से 24 वर्ष तक के वर्ग में 11.5 प्रतिशत युवा कोरोना की संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार दूसरी लहर में दो से तीन प्रतिशत ही बच्चों में संक्रमण पाया गया था। 

वहीं स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना रोधी टीके की दोनों डोज लगवाने वाले लोग भी संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं, लेकिन उन्हें भर्ती करने की आवश्यकता नहीं पड़ रही है। पांच दिन के होम आइसोलेशन में बाद ठीक हो रहे हैं। 25 दिसंबर से नौ जनवरी के दौरान 2932 लोग संक्रमित हुए थे। 

वहीं इनमें से दोनों डोज लगवा चुके 78.07 प्रतिशत लोग संक्रमित हुए हैं। इसके अलावा 4.23 प्रतिशत संक्रमितों ने एक ही डोज लगवाई है। बिना टीका लगवाने वाले संक्रमित 6.48 प्रतिशत हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 97.51 प्रतिशत संक्रमित घर पर ही ठीक हो गए हैं। महज 2.49 प्रतिशत मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है। 

वहीं इसके अलावा अस्पतालों में भर्ती होने वाले 0.20 प्रतिशत मरीजों को ही आक्सीजन की आवश्यकता पड़ रही है। वहीं मात्र 0.07 प्रतिशत मरीजों को वेंटिलेटर तक जाने की नौबत आ रही है। कोरोना रोधी टीके की वजह से ही संक्रमण जानलेवा नहीं है। बुजुर्गों को दोनों डोज लग चुकी हैं। इसके चलते उनमें संक्रमण कम पाया जा रहा है। 

वहीं डा. रामभगत, उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी ने केशरीन्यूज24 को बताया कि बच्चों में अभी वैक्सीनेशन शुरू हुआ है। उनमें कोरोना के खिलाफ हार्ड इम्युनिटी बनने में समय लगेगा। इसके चलते दूसरी लहर की तुलना में अब बच्चे अधिक संक्रमित हो रहे हैं, जबकि 25 से 44 और 45 से 60 वर्ष आयुवर्ग में टीकाकरण अभियान चल रहा है। इसके चलते इस आयुवर्ग में आने वाले लोग अधिक संख्या में संक्रमित हो रहे हैं।