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यूपी: गाजियाबाद में पुलिस फारेंसिक जांच में सभी 32 ट्रकों के चेसिस व इंजन नंबर निकले टैंपर्ड।

यूपी: गाजियाबाद में पुलिस फारेंसिक जांच में सभी 32 ट्रकों के चेसिस व इंजन नंबर निकले टैंपर्ड।


गाजियाबाद। दुर्घटनाग्रस्त ट्रकों के नंबर चोरी व लूट के ट्रकों पर लगाकर चलवाने वाले गिरोह के बदमाशों की गिरफ्तारी के बाद निवाड़ी व आगरा की विधि विज्ञान प्रयोगशाला की टीम ने ट्रकों की जांच की। इस जांच में सभी ट्रकों के चेसिस व इंजन नंबर टैंपर्ड मिले। इस संबंध में दोनों प्रयोगशालाओं ने पुलिस को जांच रिपोर्ट भेज दी है। चेसिस व इंजन नंबर से छेड़छाड़ कर उन पर फर्जी नंबर अंकित किए गए थे। इस रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने अन्य आरोपितों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। इन ट्रकों के असली नंबर पता लगाने के लिए प्रयोगशाला जांच कर रही हैं।

बता दें कि दो अक्टूबर 2021 को क्राइम ब्रांच ने गिरोह के तीन बदमाशों को गिरफ्तार कर 32 ट्रक बरामद किए थे। सभी ट्रक चोरी व लूट के थे। ट्रकों पर दुर्घटना में बेकार हो चुके ट्रकों के रजिस्ट्रेशन, चेसिस व इंजन नंबर अंकित थे। इस खेल में कई जिलों के आरटीओ कर्मचारियों की भी भूमिका संदिग्ध मिली थी। 

वहीं पुलिस ने मेरठ के पंजाबीपुरा निवासी परवेंद्र तोमर, मेरठ जानी निवासी लीलू उर्फ आदेश शर्मा व मेरठ के कंकरखेड़ा निवासी अमित नामदेव को गिफ्तार किया था, जबकि गिरोह में शामिल इस्लाम नगर साहिबाबाद निवासी हिमायत अली, जानी मेरठ निवासी सर्वेश कुमार, मेरठ निवासी आबिद अली, विनेश, शिब्बनपुरा गाजियाबाद निवासी पवन शर्मा, पटियाला पंजाब निवासी उमेश कुमार, लुधियाना पंजाब निवासी तरनजीत, भटिडा पंजाब निवासी भोला दलाल व मेरठ निवासी तसब्बर अभी तक फरार हैं। 

वहीं दूसरी तरफ़ तीन माह की विवेचना के दौरान नागालैंड व पंजाब के पंजाब के पटियाला, लुधियाना, संगरूर आरटीओ कार्यालयों में सबसे अधिक फर्जीवाड़े की बात सामने आई है। इन्हीं दो जगह के नंबर अधिकांश ट्रकों पर लगे मिले थे, जबकि अन्य ट्रकों पर उत्तर प्रदेश के शामली, बिजनौर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा के नंबर अंकित मिले थे। यहां के आरटीओ में तैनात कर्मचारियों की भूमिका की जांच के लिए पुलिस जल्द ही पंजाब व नागालैंड समेत अन्य प्रदेशों में जाएगी। 

वहीं दूसरी तरफ़ जांच में सामने आया था कि गिरोह के बदमाश चोरी व लूट के इन ट्रकों से सरकारी ठेके लेकर उनका माल ढो रहे थे। गिरोह के सरगना प्रवेंद्र के ट्रक मोहिउद्दीनपुर रेलवे यार्ड में रेवले कंटेनर से सीमेंट ढो रहे थे, जबकि अमित नामदेव ने नार्दन रेलवे डिवीजन मुरादाबाद में अपनी कंपनी के नाम से 1.95 करोड़ रुपये का रेलवे माल परिवहन का ठेका लिया हुआ था।

वहीं आरोपितों को नेटवर्क देशभर में फैला है। वह देशभर से ऐसे ट्रकों को लाते हैं, जो दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं और अब चलने की स्थिति में नहीं रहे। ट्रकों को कम दाम में खरीदकर बदमाश इसी माडल के ट्रक को चोरी या लूट करते हैं। दुर्घटनाग्रस्त ट्रकों के चेसिस नंबर, इंजन नंबर व रजिस्ट्रेशन नंबर चोरी के ट्रकों पर टैंपर्ड कर यह आरटीओ कार्यालय से फिटनेस रिपोर्ट हासिल करते हैं और ट्रकों का संचालन कराते हैं।

वहीं दूसरी तरफ़ आनंद प्रकाश मिश्र थाना प्रभारी  कविनगर ने कहा कि वर्जन निवाड़ी व आगरा विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट मिल गई है। सभी 32 ट्रकों के इंजन व चेसिस नंबर टैंपर्ड निकले हैं। फरार आरोपितों को पुलिस शीघ्र गिरफ्तार कर गिरोह के अन्य लोगों के बारे में भी पता लगाएगी।