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 कोरोना पॉजिटिव नर्स का वियाग्रा से बचा जान, संक्रमित होने के बाद 45 दिनों तक कोमा में थी

कोरोना पॉजिटिव नर्स का वियाग्रा से बचा जान, संक्रमित होने के बाद 45 दिनों तक कोमा में थी

गेन्सबरो लिंकनशायर : कोरोना की भीषण महामारी ने दुनियाभर में जमकर तबाही मचाई है। इस बीमारी से करोड़ों लोगों ने अपनी जान गवां दी। संक्रमण को रोकने के लिए दुनियाभर में वैक्सीनेशन किया जा रहा है, लेकिन उपचार के लिए कई देशों में अलग-अलग तहर के एक्सीपेरिमेंट किए हैं। लेकिन इसी बीच कोरोना के इलाज को लेकर एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। दरअसल एक महिला नर्स को वियाग्रा का इस्तेमाल कर कोरोना से बचाया गया।


मिली जानकारी के अनुसार इंगलैंड के गेन्सबरो लिंकनशायर की रहने वाली नर्स मोनिका कोरोना संक्रमित होने के बाद कोमा में चली गई थी। वह पिछले 28 दिनों से कोमा में थी। मोनिका को होश में लाने के लिए डॉक्टरों ने इरेक्टाइल डिसफंक्शन की दवा का उपयोग किया। मोनिका ने बताया कि जब मैं होश में आई तो मुझे डॉक्टर ने बताया कि मुझे वियाग्रा की मदद से होश में लाया गया है। पहले मुझे ये सब मजाक लगा। लेकिन उन्होंने कहा कि सच में मुझे वियाग्रा की हेवी डोज दी गई है।

मोनिका ने कहा कि ये वियाग्रा की दवा ही थी, जिससे मेरी जिंदगी बच गई. 48 घंटों के अंदर मेरे लंग्स ने काम करना शुरू कर दिया। मुझे अस्थमा की भी बीमारी है, जिसके कारण मेरा ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा था। अब मोनिका पहले से ज्यादा बेहतर है और अपने घर में ही आगे का ट्रीटमेंट ले रही है।

बता दें, मोनिका एनएचएस लिंकनशायर में कोरोना के मरीजों का इलाज करती थीं। उन्हें इसी दौरान अक्टूबर में कोरोना हो गया था. उनकी धीरे-धीरे तबीयत और ज्यादा बिगड़ने लगी और खून की उल्टियां भी होने लगीं। इसके बाद उन्होंने अस्पताल में अपना इलाज करवाया, वहां से उन्हें जल्द ही डिस्चार्ज भी कर दिया गया। लेकिन घर जाते ही मोनिका को सांस लेने में भी दिक्कत आने लगी, जिसके बाद वह सीधे लिंकन काउंटी हॉस्पिटल चली गईं। वहां उनका इलाज शुरू किया गया, लेकिन उनका ऑक्सीजन लेवल लगातार गिरता जा रहा था जिसके बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती करना पड़ा। 16 नवंबर को वह कोमा में ही चली गईं।