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यूपी: वाराणसी में नए साल पर 48 घंटे में पांच लाख श्रद्धालुओं ने देखी बाबा श्री काशी विश्वनाथ धाम की निराली छटा।
वाराणसी। काशी में नव वर्ष का उमंग और उत्साह दूसरे दिन छाया रहा। श्री काशी विश्वनाथ धाम के नव्य-भव्य स्वरूप की छटा निहारने के लिए श्रद्धालुओं का रेला गोदौलिया से ज्ञानवापी क्रासिंग तक समाया रहा। पहली बार ऐसा हुआ जब 48 घंटे के भीतर लगभग पांच लाख श्रद्धालुओं ने धाम में दर्शन पूजन किया। यह आंकड़ा सावन सोमवार व महाशिवरात्रि से भी दो गुना रहा। नए वर्ष के पहले दिन भोर से उमड़ी आस्थावानों की भीड़ दूसरे दिन भी जमी रहा।
वहीं रात में शयन आरती के बाद क्रम टूटा तो रविवार को भी मंगला आरती के बाद फिर से कतार लगी जो मंदिर के पट बंद होने तक बरकरार रही। कतारबद्ध श्रद्धालुओं का जोश हर-हर, बम-बम व हर-हर महादेव के उद्घोष के रूप में अपनी ऊंचाई का अहसास कराता रहा। घंटों इंतजार के बाद बाबा के आंगन से होते श्रद्धालु गर्भगृह पहुंचे और मंगलमय नव वर्ष की कामना से बाबा को शीश नवाया।
वहीं दूसरी तरफ़ अर्चकों ने श्रद्धालुओं के ललाट पर त्रिपुंड लगाया और बाबा दरबार में उनकी हाजिरी को पुख्ता किया। धाम की छटा निहारी और बाबा के आंगन में स्थापित देव विग्रहों का दरस परस कर उनका भी आशीष लिया तो एक ठांव खोजकर बाबा के स्वर्ण शिखर के सामने बैठकर जप-तप भी कर लिया।
वहीं दूसरी तरफ़ श्री काशी विश्वनाथ धाम के साथ ही गंगा तट तक उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ देखते हुए पुलिस को आसपास के इलाके को वाहन निषिद्ध क्षेत्र घोषित करना पड़ा। मैदागिन से गोदौलिया तक दो पहिया वाहन तक एक माह के लिए प्रतिबंधित कर दिए गए।
वहीं श्री काशी विश्वनाथ धाम का नव्य-भव्य स्वरूप सामने आने के बाद विभिन्न प्रांतों से श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए विशिष्ट दर्शन अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है। साथ ही मंदिर प्रशासन ने अन्यत्र स्थानों के श्रद्धालुओं की संख्या अधिक रहने तक काशीवासियों को सुबह सात से दो बजे तक दर्शन के लिए आने से बचने का आग्रह किया है।
वहीं दूसरी तरफ़ मंदिर प्रशासन द्वारा की जा रही व्यवस्था में सहयोग करने की अपील की है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने यह भी अपील की है कि श्रद्धालु व महानुभाव अपने वाहनों को श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के मुख्य द्वार तक न लाएं। अपने वाहनों को मैदागिन चौराहा और गोदौलिया चौराहा पर ही निर्धारित पार्किंग में खड़ा करें।