Headlines
Loading...
यूपी: वाराणसी में 51 दिनों तक द्वारिकाधीश को समर्पित लक्ष चंडी महायज्ञ की शुरू हुईं तैयारी।

यूपी: वाराणसी में 51 दिनों तक द्वारिकाधीश को समर्पित लक्ष चंडी महायज्ञ की शुरू हुईं तैयारी।

                                  S.K. Gupta Reporter

वाराणसी। विश्व कल्याण के लिए लक्षचंडी महायज्ञ की तैयारी अंतिम चरण में है। पौराणिक कुंड शंकुलधारा पोखरे के दक्षिण स्थित भगवान द्वारिकाधीश को यह यज्ञ 18 जनवरी से 9 मार्च तक समर्पित किया जाएगा। यह यज्ञ महामंडलेश्वर स्वामी प्रखर जी महाराज के उस संकल्प को पूरा करने के लिए किया जा रहा है कि भारत का सर्वांगीण विकास हो और भारत पुनः विश्वगुरु बने। वैश्विक आतंकवाद का समूल नाश हो।

वहीं इस संबंध में स्वामी प्रखर ने बताया कि यज्ञ की तैयारी उनके सानिध्य में अंतिम चरण में है। मंदिर के पार्श्व भाग में दक्षिण दिशा की ओर सौ कुंडों का निर्माण हो चुका है। यज्ञ के प्रथम चरण में 18 जनवरी से 40 दिनों तक दुर्गा शप्तशती का पाठ पांच सौ ब्राह्मण प्रतिदिन करेंगे। 

वहीं वे प्रतिदिन ढाई हजार दुर्गा सप्तशती का पाठ पूरा करेंगे। इसके बाद 41 वें दिन एक से नौ मार्च तक एक लाख पाठ के दशमांश यानी दुर्गाशप्तशती के दस हजार मंत्रों से प्रतिदिन यज्ञ में आहुतियां दी जाएंगी। इस प्रकार 10 दिनों में एक करोड़ मंत्रों की आहुतियां यज्ञ कुंड में समर्पित हो जाएंगी।

वहीं दूसरी तरफ़ स्वामी प्रखर ने बताया कि यज्ञ के अलावा अन्य धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम शंकुलधारा पोखरे के भीतर बनाये गए मंचों पर होंगे। उन मंचों तक पहुंचने के लिए जेटी से रास्ते बनाए जा गए हैं। द्वारिकाधीश के सन्मुख उत्तर दिशामें बनाए मंच पर उनको समर्पित रास लीला महोत्सव एक फरवरी से सात फरवरी तक होगा। 

वहीं दाहिनी ओर पूरब दिशा में बनाये मंच पर 8 फरवरी से 16 फरवरी तक परम गोपनीय काशी खण्ड की कथा विश्वेश्वर शास्त्री द्रविड़ कहेंगे। 19 से 26 फरवरी तक प्रख्यात संत रमेश भाई ओझा श्रीमद्भागवत कथा सुनाएंगे। 28 फरवरी से 8 मार्च तक अयोध्या से आगत राघवाचार्य वाल्मीकि रामायण की कथा का रसपान कराएंगे।